
राजस्थान में बन सकते हैं ऐसे उद्यान जहां युवाओं को मिलेगा संविधान
इससे युवा संविधान को समझ सकेगा। उन्होंने कहा कि युवा पीढी को संविधान से परिचित कराना है ताकि युवा समझ सकें कि उनका कार्य हिंसा करना नही है बल्कि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय व रचनात्मक भागीदारी निभाना है। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को आज की परिस्थितियों के अनुरूप उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करना होगा ताकि समाज का हित हो सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में युवा निराश न हों, वे अवसाद में नही आयें। युवाओं में उत्साह बना रहे और वे निरन्तर आगे बढते हुए अपने जीवनयापन के साधन तलाश कर सकें, ऐसा वातारण शिक्षा संस्थानों में बनाना होगा। मिश्र ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय शिक्षा में गुणवत्ता को बनाये रखने में जुटे हुए हैं और शिक्षा कार्यों को ग्लोबल स्वरूप दे रहे हैं। सभी शैक्षणिक गतिविधियों को ऑन लाइन संचालित कर रहे हैं और कौशल शिक्षा पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों के द्वारा किये जा रहे सभी प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विषम काल में उच्च शिक्षण संस्थानों में अनिश्चितता एवं निराशा के दौर को समाप्त करना अब आवश्यक है। सभी विश्वविद्यालयों को मिलकर अकादमिक उत्कृष्टता के लिए कार्य करना होगा साथ ही सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। राज्यपाल ने कहा कि युवा पीढी के प्रति वे चिन्तित है। युवाओं के मनोबल को गिरने नही देना है। छात्र-छात्राओं की परेशानियों को सुनना है और उन्हें दूर भी करना है।
Published on:
10 Jul 2020 08:14 pm
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