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खारा पानी पीने को मजबूर सुन्दरवन के लोग

नलकूप से पीने का शुद्ध पानी नहीं आने के कारण सुन्दरवन इलाके के खापुकुर गांव की शिखा मंडल अपने परिवार के लिए मजबूरी में स्थानीय वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पीने का पानी खरीदती हैं। इसके लिए उन्हें महीने में 1500 रुपए खर्च करना पड़ता है।

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नलकूप से पीने का शुद्ध पानी नहीं आने के कारण सुन्दरवन इलाके के खापुकुर गांव की शिखा मंडल अपने परिवार के लिए मजबूरी में स्थानीय वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पीने का पानी खरीदती हैं। इसके लिए उन्हें महीने में 1500 रुपए खर्च करना पड़ता है। लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण गांव के शांतनु और पापिया मंडल के परिवार नलकूप का खरा पानी पीने के लिए विवश हैं। सिर्फ शांतनु और पापिया मंडल के परिवार ही नहीं, बल्कि आर्थिक अभाव के कारण गांव के बहुत से लोग खारा पानी पीने के लिए बाध्य हैं। प्रशासन ने पेयजल की व्यवस्था नहीं की है। यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों गांव वालों को पीने का पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

10 रुपए में खरीदते हैं 20 लीटर पानी
सुंदरवन के गांव के लोगों को रोज 10 रुपए में 20 लीटर पानी खरीदना पड़ता है। इस कारण प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1,500 रुपए खर्च करना पड़ता है। पापिया मंडल ने कहा कि हमारे लिए इतनी बड़ी रकम देकर पीने का पानी खरीदना संभव नहीं है। इसलिए हम खारा पानी ही पीने के लिए विवश हैं।

कुछ नहीं कर रहा है प्रशासन
तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता मिहिर अधिकारी ने कहा कि हमने प्रशासन से समस्या का समाधान करने का आग्रह किया। लेकिन प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिला। पापिया मंडल ने बताया कि हमने ममता बनर्जी को अपनी समस्या के बारे में बताया था और उन्होंने हमें मदद करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इतने दिन बाद भी कुछ नहीं किया गया।

दो साल से है पेयजल की समस्या
वर्ष 2020 में आए चक्रवात अम्फान के कारण समुद्र के खरा पानी से सुन्दरवन क्षेत्र की कृषि जमीन की उर्वरता खत्म हो गई है। साथ ही क्षेत्र का भूगर्भ जल भी खरा हो गया है। तब से ही इलाके में पीने का शुद्ध पानी की समस्या है। समुद्री वैज्ञानिक प्रो. अभिजीत मित्रा ने बताया कि खापुकुर गांव के भूगर्भ जल में 5 व्यावहारिक लवणता इकाई (पीएसयू) है, जबकि शून्य पीएसयू होनी चाहिए।