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Teacher Recruitment: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल-1 के लिए बीएड डिग्रीधारी पात्र नहीं

Third Grade Teacher Recruitment Level-1: सुप्रीम कोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल-1 के लिए बीएसटीसी या समकक्ष डिप्लोमाधारकों को ही पात्र माना है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Aug 12, 2023

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जयपुर पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क। Third Grade Teacher Recruitment Level-1: सुप्रीम कोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल-1 के लिए बीएसटीसी या समकक्ष डिप्लोमाधारकों को ही पात्र माना है। साथ ही, इस भर्ती में बीएड को भी पात्र मानने के लिए एनसीटीई की ओर से 30 मई 2018 को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह भी मान लिया है कि बीएड, बीएसटीसी से उच्च योग्यता नहीं है, ये दोनों योग्यता अलग-अलग हैं। इससे लंबे समय से चल रहा विवाद खत्म हो गया है।

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न्यायाधीश अनिरूद्ध बोस व सुधांशु धूलिया की बैंच ने शुक्रवार को केन्द्र सरकार, एनसीटीई व बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज करते हुए यह आदेश दिया।

इसके माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एनसीटीई की अधिसूचना को रद्द करने के राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवंबर 2021 के फैसले पर मोहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जनवरी 2023 में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि तृतीय श्रेणी शिक्षक (लेवल-1) भर्ती केे लिए बीएसटीसी योग्यता वाले ही पात्र हैं, केन्द्र सरकार ने बीएड डिग्रीधारियों को पात्र मान लिया और एनसीटीई ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी। बीएसटीसी व बीएड दोनों अलग-अलग योग्यता हैं। एनसीटीई स्वतंत्र निकाय है, उसे केन्द्र सरकार के मत के अनुसार नहीं चलना चाहिए। बीएसटीसी योग्यताधारकों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजस्थान के साथ ही देशभर में तृतीय श्रेणी शिक्षक (लेवल-1) भर्ती पर लागू होगा, इसमें बीएसटीसी योग्यताधारक ही पात्र माने जाएंगे।

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पांच साल से चल रहा था विवाद
एनसीटीई ने 28 जून 2018 को अधिसूचना जारी कर तृतीय श्रेणी शिक्षक (लेवल-1) में बीएड डिग्रीधारियों को भी पात्र मान लिया, लेकिन इनको नियुक्ति मिलने के छह महीने में ब्रिज कोर्स करने की शर्त लगा दी। इससे बीएसटीसी व बीएड डिग्री धारकों के बीच विवाद शुरू हो गया था। इस मामले में एनसीटीई की अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थी।