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राजस्थान का सतत,समग्र और संतुलित विकास हो- राज्यपाल

राज्यपाल कलराज मिश्र ( Governor Kalraj Mishra ) का कहना है कि राजस्थान का सतत, समग्र और संतुलित विकास होना चाहिए।

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Sustainable, holistic and balanced development of Rajasthan - Governor

राजस्थान का सतत,समग्र और संतुलित विकास हो- राज्यपाल

जयपुर

Governor Kalraj Mishra : राज्यपाल कलराज मिश्र ( Governor Kalraj Mishra ) का कहना है कि राजस्थान का सतत, समग्र और संतुलित विकास होना चाहिए। इसके लिए प्रदेश में कौशल विकास ( skill development ) , जन स्वास्थ्य ( public health ) , अनुसूचित जनजाति कल्याण ( scheduled tribe welfare ) , विधिक साक्षरता, उच्च शिक्षा, सामाजिक उद्यमिता, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करना होगा ताकि वे पढ़-लिख कर अपने गांवों में ही अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सके।

राज्यपाल मिश्र ने शनिवार को राजभवन में राज्यपाल सलाहकार मंडल ( Governor's Advisory Board ) की पहली बैठक को आॅनलाइन करते हुए यह बात कही। 23 जुलाई को राज्यपाल की अध्यक्षता में इस सलाहकार मंडल का गठन किया। इसके सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी डाॅ. विश्वपति त्रिवेदी व डाॅ. राकेश कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर, पूर्व कुलपति प्रो. ए.के.गहलोत, सामाजिक उद्यमिता विशेषज्ञ विवेक सिंह, अर्थशास्त्री डाॅ. मनोरंजन शर्मा और मानव उत्पादकता क्षेत्र के विशेषज्ञ टी. मुरलीधरन शामिल है। मंडल के सदस्य सचिव राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार हैं।

राज्यपाल को देगा परामर्श
राज्यपाल ने बताया कि यह सलाहकार मंडल उन्हें उच्च शिक्षा, विधि, प्रशासन, उद्योग, अर्थशास्त्र, सामाजिक उद्यम, अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकास, पर्यटन, कला व संस्कृति, महिला सशक्तिकरण, अभाव अभियोग निराकरण, कानून एवं व्यवस्था, रोजगार सृजन, जल संरक्षण, पावर एवं सौर ऊर्जा क्षेत्र व सैनिक कल्याण जैसे विषयों पर परामर्श देगा। यह मंडल विशेष रूप से समाजिक सेवाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी बढ़ाने के साधनों के संबध में भी परामर्श देगा। इन विशेषज्ञों और शासन के साथ बैठकर योजनाओं को प्रदेश में धरातल पर लाने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा। इस सलाहकार मंडल की बैठक वर्ष में कम से कम दो बार आयोजित होगी और सभी सदस्य अवैतनिक रूप से कार्य करेंगे।

इनके लिए किए जाएंगे प्रयास
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में 33 जिलो में से 8 जिले जनजाति बाहुल्य हैं। इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के लोगों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति अत्यन्त दयनीय है। अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जनजातियों के लोगों के समग्र विकास की राज्यपाल पर संवैधानिक जिम्मेदारी है। इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों के लिए ढ़ांचागत सुविधाओं के विकास और सुदृढ़ीकरण के लिए कार्यों को गति देने के प्रयास किए जाएंगे।