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निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में निशुल्क होगा टीबी का इलाज

- चिकित्सा विभाग ने शुरू की पहल- अस्पतालों में दी जा रही है सरकारी टीबी की दवाएं

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निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में निशुल्क होगा टीबी का इलाज

निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में निशुल्क होगा टीबी का इलाज

जयपुर. टीबी के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब निजी क्लीनिक और अस्पतालों में टीबी का इलाज ले रहे मरीज टीबी की निशुल्क दवाइयां ले सकेंगे। चिकित्सा विभाग की इस अनूठी पहल से निजी उपचार ले रहे मरीजों को उच्च गुणवत्ता की दवाइयां निशुलक मिल सकेंगी।
चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह के निर्देश पर विभाग के राष्ट्रीय क्षय उन्नमूलन कार्यक्रम के तहत उपलब्ध निशुल्क एंटी टीबी ड्रग को निजी अस्पतालों और क्लीनिक पर उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है।
भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार यदि कोई मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहा है और वह सरकारी दवा लेना चाहता है, तो उसे निजी अस्पताल दवा उपलब्ध करवाए। लेकिन निजी अस्पताल इसमें रूचि नहीं ले रहे थे। हाल में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मीटिंग ली और उसमें निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों को भी इस योजना में शामिल करें। इसके तहत प्रदेश के निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में सरकारी दवा की सप्लाई देना शुरू कर दिया है।

पब्लिक प्राइवेट कॉर्डिनेटर करेंगे मोटिवेट
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में चिकित्सकों को पब्लिक प्राइवेट कॉर्डिनेटर जाकर टीबी की सरकारी दवा देने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं। इसका नतीजा यह निकला कि प्रदेश के कुछ अस्पतालों ने अपने यहां सरकारी दवा रखने के लिए स्वीकृति दे दी है।

पोर्टल पर डालनी होगी जानकारी
जो चिकित्सक अपने क्लीनिक और अस्पतालों में टीबी की सरकारी दवा लिखना चाहते हैं उन्हें पहले 'नि:क्षयÓ पोर्टल पर एनरोल करना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें पोर्टल का आइडी और पासवर्ड मिल जाएगा। जब भी उन्हें यहां टीबी का मरीज आएगा तो पोर्टल पर उसकी सारी जानकारी डालनी होगी।
16 निजी अस्पतालों ने किया इलाज शुरू
जिले में लगे पब्लिक प्राइवेट कॉर्डिनेटर के मोटिवेशन का नतीजा यह निकला कि प्रदेश में 16 निजी अस्पतालों ने टीबी की सरकारी दवा रखना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी 17 मरीजों को इन अस्पतालों में इलाज शुरू हो गया है। विभाग का मानना है कि धीरे-धीरे अस्पतालों और मरीजों की संख्या में इजाफा होगा।
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नोटिफाइड हुए मरीजों की संख्या-
वर्ष 2018 में सरकारी अस्पतालों में इलाज लेने वाले मरीज- 113972
निजी अस्पतालों में इलाज लेने वाले मरीज- 46196
वर्ष 2019 में सरकारी अस्पतालों में इलाज लेने वाले मरीज-122737
निजी अस्पतालों में इलाज लेने वाले मरीज-52417
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टीबी के मरीजों को निजी अस्पतालों में भी सरकारी दवा उपलब्ध होगी। हाल में यह व्यवस्था शुरू की है। इसके लिए वॉलेंटियर लगाकर चिकित्सकों को मोटिवेट किया जा रहा है।
- रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा विभाग

निजी अस्पताल और क्लीनिक से अब रेस्पोंस मिलने लगा है। निजी अस्पतालों को सरकारी टीबी की दवाओं की सप्लाई देना शुरू कर दिया है। उम्मीद है सभी निजी अस्पताल टीबी का सरकारी इलाज देना शुरू कर देंगे।
- डॉ. विनोद गर्ग, राज्य स्टेट क्षय रोग अधिकारी