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छात्रों के जीवन में सचमुच ‘रोशनी’ ले आए ये शिक्षक

जज्बा: बच्चों के घरों में नहीं थी रोशनी, शिक्षकों ने ही कर दी वायरिंग

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छात्रों के जीवन में सचमुच ‘रोशनी’ ले आए ये शिक्षक

छात्रों के जीवन में सचमुच ‘रोशनी’ ले आए ये शिक्षक

शिक्षक ही हैं, जो छात्रों के जीवन से अंधकार दूर कर उसे रोशनी से भर देते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है केरल के शिक्षकों ने। वडकारा के पास स्थित कीजल के यूपी स्कूल के शिक्षकों में से एक के. श्रीजन ने बताया कि वह यह जानकर चौंक गए थे कि उनकी प्राथमिक कक्षा के एक छात्र के घर में बिजली का कनेक्शन नहीं था। घर अब भी निर्माणाधीन था, जिसकी वायरिंग पूरी नहीं हुई थी। इसके बाद शिक्षकों ने सभी छात्रों के घरों का दौरा करने का विचार किया, ताकि यह देखा जा सके कि हर बच्चा ऑनलाइन क्लास ले पा रहा है या नहीं। इस दौरान शिक्षक यह देखकर दंग रह गए कि कई बच्चों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है तो कुछ के पास वायङ्क्षरग करवाने के पैसे नहीं हैं।

खुद ही जुट गए काम में: श्रीजन शिक्षक बनने से पहले वायरिंग का कोर्स कर चुके हैं। उन्होंने घरों की वायरिंग को पूरा करने का जिम्मा खुद पर लिया। उनके साथ रमेशन, अर्जन पीएस, फहाद के, जीजेश और फैजल एम शिक्षकों ने भी मिलकर वायरिंग और फिटिंग करने के साथ ही घर के लंबित कार्यों को भी पूरा करने में मदद की।

खिल उठे बच्चों के चेहरे
करीब २० दिन बाद जब इन बच्चों के घरों में बिजली आई तो बल्ब की रोशनी देखकर छात्रों के चेहरे खिल उठे। ऑनलाइन अध्ययन के लिए डीवाइएफआइ समिति ने इन छात्रों के लिए स्मार्टफोन भी खरीदे हैं।

विद्युत विभाग ने भी की मदद
शिक्षक श्रीजन के अनुसार वायरिंग तो सिर्फ डेढ़ दिन में पूरी हो गई थी, लेकिन चट्टानी इलाकों पर अर्थिंग मुश्किल थी। फिर विद्युत विभाग से संपर्क किया। विभाग के दो अतिरिक्त विद्युत अर्थिंग बिछाने से समस्या दूर हुई।