
जयपुर में तीज माता की सवारी। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। हरितालिका तीज केवल त्योहार नहीं, वह दिन है जब स्त्रियों की आस्था की शक्ति अपने पूरे सौंदर्य और समर्पण के साथ प्रकट होती है। मां गौरी की पूजा, हाथों में मेंहदी, लहरियों की बहार और पारंपरिक गीतों की मिठास ….शहर की गलियों में आज फिर स्त्रीत्व का ये लोकपर्व पूरे रंगों में खिलेगा।
हरितालिका तीज पर नवविवाहिताएं ससुराल से आई लहरिया साड़ी पहनकर मां गौरी का पूजन करेंगी। पारंपरिक रीति-रिवाज़ के अनुसार, तीज माता की शाही सवारी शाम 5:45 बजे सिटी पैलेस के जनाना ड्योढ़ी से गाजे-बाजे और पारंपरिक लवाजमे के साथ रवाना होगी। तीज माता 400 किलो वजनी चांदी की पालकी में विराजमान रहेंगी और सबसे आगे हाथी पर सवार पंचरंगा ध्वज माता की सवारी की अगुवानी करेगा।
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस बार 1500 से 2000 तक विदेशी पर्यटक तीज सवारी के साक्षी बनेंगे। इस साल प्रदेश के सभी जिलों से 200 से अधिक लोक कलाकार भाग लेंगे। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, साथ ही स्पेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी सहित कई देशों से आए प्रतिनिधि भी जयपुर पहुंच चुके हैं। यूपी, दिल्ली, पंजाब जैसे राज्यों से भी मेहमानों की आमद हो रही है।
इस वर्ष पहली बार पौंडरिक पार्क में भी तीज महोत्सव होगा। इसमें हस्तशिल्प, खान-पान व लोककला से जुड़े स्टॉल्स लगेंगे। सांस्कृतिक व रचनात्मक गतिविधियां भी होंगी।
महोत्सव में पहली बार हेलिकॉप्टर जॉय राइड की शुरुआत भी होगी। इसके तहत जयपुरवासी और मेहमान तीज की सवारी, ऐतिहासिक स्थलों और अरावली पहाड़ियों का हवाई नजारा ले सकेंगे। सिरसी रोड स्थित एक कॉलेज से रविवार व सोमवार को हेलिकॉप्टर टेक ऑफ व लैंडिंग की जाएगी।
पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राजस्थान की लोक संस्कृति की विविध झलकें देखने को मिलेंगी। बीकानेर से मशक वादन, कठपुतली शो, शहनाई वादन और भपंग की थाप से माहौल में पारंपरिक मधुरता घुल जाएगी। भपंग वादन में मुस्लिम कलाकार भी प्रस्तुति देकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करेंगे। अली मोहमद के शहनाई दल सहित अन्य कलाकारों की प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
Published on:
27 Jul 2025 07:39 am
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