
ईसरदा बांध व इनसेट में बीसलपुर बांध। फोटो: पत्रिका
जयपुर। बीसलपुर बांध के गेट खुलने के साथ ही राजस्थान को डबल खुशखबरी मिली है। एक ओर बीसलपुर बांध के गेट 8वीं बार खोले गए हैं तो दूसरी ओर ईसरदा बांध में पहली बार बीसलपुर का पानी पहुंचेगा। बता दें कि ईसरदा बांध से दौसा और सवाई माधोपुर जिले के 1256 गांव और 6 शहरों में पानी सप्लाई किया जाएगा।
स्वीडन की तकनीक से तैयार राजस्थान के पहले हाईटेक ईसरदा बांध का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बनास नदी पर बनाए गए ईसरदा बांध में इस साल पहली बार 30 फीसदी पानी रोका जाएगा। इसके बाद अगले साल पूर्ण रूप से ईसरदा बांध में पानी रोका जाएगा।
बनास नदी पर बने बीसलपुर और ईसरदा बांध की दूरी 90 किलोमीटर है। बीसलपुर बांध के गेट खुलने पर पानी ईसरदा बांध में ही जाएगा। अभी ईसरदा बांध के गेट नबंर एक और 28 को बंद करके टेस्टिंग के लिए पानी रोका जा रहा है। जबकि बाकी सभी गेट से बनास नदी में पानी निकासी जारी है। इस बार मानसून के अंतिम चरण में 30 प्रतिशत पानी रोका जाएगा।
ईसरदा बांध से दौसा और सवाई माधोपुर जिलों को पेयजल आपूर्ति की जाएगी। जिनमें दौसा जिले के एक हजार 79 गांव, 5 शहर और सवाईमाधोपुर जिले के 177 गांव व एक शहरी क्षेत्र शामिल है। ईसरदा बांध से कुल 1256 गांव और 6 शहरों में पानी की सप्लाई होगी।
ईसरदा बांध को अगले साल से पूरा भरा जाएगा। रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के तहत ईसरदा बांध से जयपुर के रियासतकालीन रामगढ़ बांध को भी भरा जाएगा। साथ ही बुचारा, छितोली बांधों में पानी पहुंचाया जाएगा। इससे बांधों के आसपास के क्षेत्र और जयपुर जिले को भी पानी मिल सकेगा।
बनास नदी पर बना ईसरदा बांध सवाईमाधोपुर और टोंक जिले की सीमा पर स्थित है। बांध का एक हिस्सा सवाई माधोपुर के ईसरदा गांव में और दूसरा टोंक जिले के बनेठा क्षेत्र में है। परियोजना की शुरुआत वर्ष 2013 में 530 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ हुई थी, जिसमें बांध को 36 महीनों में पूरा करने की योजना थी। लेकिन, दिसंबर 2018 में काम शुरू हुआ। इसके बाद कई बाद देरी के चलते समय सीमा बढ़ाई गई। हालांकि, अब बांध का निर्माण करीब पूरा हो चुका है। बांध पर कुल 28 गेट बनाए गए हैं।
Updated on:
24 Jul 2025 05:28 pm
Published on:
24 Jul 2025 05:27 pm
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