
1937 से 2000 के दशक तक के अलग अलग टेलीफ़ोन के मॉडल और अन्य नायाब चीज़ों का खज़ाना है विनय शर्मा के पास
जयपुर। आज विश्व दूरसंचार दिवस है। दूर बैठे लोगों को जोड़ने का काम करने वाला टेलीफोन वक़्त बदलने के साथ अपना रंग ढंग और आकार व्यवहार भी बदलता चला गया। जयपुर निवासी आर्टिस्ट विनय शर्मा के घर में ऐसे नायाब चीज़ों का ख़जाना है जो लोगों को उनके अतीत से जोड़ने का काम करता है। विनय कहते हैं की उनके संग्रह में राखी ये सभी चीज़ें उनसे बातें करती हैं। उनके पास द्वितीय विश्व युद्ध के समय का नाज़ी सेना का एक vireless सेट भी है जिससे सैनिक आपातकालीन परिस्थितियों में संचार संपर्क किया करते थे। विनय के पास सैकड़ों कीमती सामन है जिसे वह अपने अतीत राग नाम के संग्रहालय में संभल कर रखते हैं।
आज विश्व दूरसंचार दिवस (वल्र्ड टेलीकम्युनिकेशन डे) है। इस साल की थीम है 'सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सबसे कम विकसित देशों को सशक्त बनाना।Ó साल १९६९ में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाने की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी कि इस दिन के जरिए दूरसंचार और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में हुए बदलावों और संचार के महत्त्व से लोगों को परिचित करवाया जा सके। टेलीफोन दूरसंचार के सबसे लोकप्रिय साधनों में से एक है। आज डिजिटल हो चली दुनिया में पुराने दौर के भारी-भरकम हाथ से डायल किए जाने वाले टेलीफोन भले ही आदम के जमाने के उपकरण जैसे लगे, लेकिन हकीकत यही है कि शुरुआती दूरसंचार के ये साधन दिल का दिल से तार जोड़ देते थे।
Published on:
16 May 2023 08:23 pm
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