
शेखावाटी का इतिहास बहुत ही समृद्ध है। यह क्षेत्र कई राजपूत घरानों का गढ़ रहा है, जिन्होंने यहां कई भव्य किले, महल और हवेलियां बनवाईं। इन इमारतों में आपको राजस्थानी आर्किटेक्चर की अद्भुत झलक मिलती है। 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान यहां के व्यापारी समुदाय ने भी खूब समृद्धि पाई। व्यापारियों ने भी बड़ी-बड़ी हवेलियां बनवाईं। इन हवेलियों की आभा देखते ही बनती है। हवेलियों की दीवारों पर धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक कथाओं के चित्र बनाए गए हैं। यहां की दीवारें भगवान राम, भगवान कृष्ण, महाभारत और रामायण की कहानियां दिखाती नजर आती हैं।
मंडावा : मंडावा को 'ओपन आर्ट गैलरी' भी कहा जाता है। यहां की हवेलियां और किले पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं। मंडावा किला एक प्रमुख आकर्षण है, जहां से पूरे शहर का नजारा देखा जा सकता है।
नवलगढ़ : नवलगढ़ अपनी शानदार हवेलियों और किले के लिए जाना जाता है। यहां की हवेलियों में सुंदर चित्रकारी और मूर्तिकला देखने को मिलती है। पोद्दार हवेली म्यूजियम यहां का प्रमुख पर्यटन केंद्र है, जहां पुराने समय की आर्ट और पेंटिंग्स को संजोया गया है। नवलगढ़ का किला भी पर्यटकों के बीच काफी फेमस है।
फतेहपुर : फतेहपुर की हवेलियां अपनी भित्ति चित्रण कला के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां की हवेलियों में भगवान कृष्ण और राम की कथाओं के चित्रण देखने को मिलते हैं। फतेहपुर में भी कई सुंदर हवेलियां हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
सीकर : सीकर का किला और यहां की हवेलियां भी देखने लायक है। सीकर के किले में राजस्थानी वास्तुकला की अद्भुत झलक देखने को मिलती है। इसके अलावा यहां की हवेलियां भी अपने सुंदर चित्रण और वास्तुकला के लिए अलग पहचान रखती हैं।
झुंझुनूं : झुंझुनूं में रानी सती का मंदिर, कानसार किला और कई खूबसूरत हवेलियां प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। रानी सती का मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का स्थल है। जहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। कानसार किला और यहां की हवेलियां को देखे बिना आपका सफर अधूरा है। इन जगहों पर राजस्थानी आर्किटेक्चर और पेंटिंग्स का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
शेखावाटी राजस्थानी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां के लोग सतरंगी कपड़े पहनते हैं। यहां का लोक संगीत और नृत्य भी प्रसिद्ध है। शेखावाटी में लोक संगीत का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें मांड, पपिहरा और बंधेशी जैसे गीत शामिल हैं। ये गीत स्थानीय परंपराओं को बखूबी दर्शाते हैं और लोगों के जीवन में रंग भरते हैं।
Updated on:
21 Jun 2024 05:40 pm
Published on:
21 Jun 2024 05:35 pm
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