
बाण गंगा
जयपुर। राजधानी के कभी पेयजल के मुख्य स्त्रोत रहे रामगढ़ बांध के दिन अब जल्द फिरने वाले हैं। बांध में पानी लाने के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है। पीकेसी-ईआरसीपी की जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, डीपीआर तैयार की गई है उसमें ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध तक पानी पहुंचाने का अलाइनमेंट तय कर दिया है। ऐसे में अब जल्द ही रामगढ़ बांध फिर पानी से लबालब नजर आने वाला है।
जानकारी के अनुसार रामगढ़ बांध और ईसरदा बांध की दूरी, नहर रूट के आधार पर करीब 120 किलोमीटर सामने आई है। इसमें 35 किलोमीटर दूरी में नहर और बाकी 85 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछाई जाएगी। जल संसाधन विभाग की ओर से केन्द्रीय जल आयोग की भेजी गई रिपोर्ट में यह स्थिति बताई गई है। सब कुछ प्लानिंग से काम हुआ और बांध में पानी आया तो करीब 3.50 लाख लोगों को पानी पिलाने का इंतजाम हो जाएगा। प्रोजेक्ट लागत करीब 3100 करोड़ रुपए आंकी गई है।
यह रहेगा अलाइनमेंटः
ईसरदा बांध से पीपलू तहसील में सूरतपुरा, निवाई में सूरतरामपुरा, ईसरदा बांध से पीपलू तहसील कानोता, लाली, चौमूखा गांव होते हुए पाइप लाइन आगे बढ़ेगी।तिगरिया, चंदेलखुर्द, बिशनपुरा, में लाइन गुजरेगी। इसके लिए जमीन अवाप्ति की कार्य योजना तैयार की जा रही है।
योजना पूर्ण होने में लगेंगे चार सालः
ईआरसीपी के तहत चंबल का पानी बीसलपुर व ईसरदा बांध में लाने के लिए नवनेर। गलवा-बीसलपुर ईसरदा लिंक परियोजना है। पहले ईसरदा बांध में पानी आएगा और वहां से रामगढ़ बांध तक पहुंचेगा। इसमें करीब चार साल लगेंगे। बांध में पानी की आवक होने पर जयपुर जिले की छह तहसील के एक हजार से ज्यादा गांवों में पेयजल संकट दूर होगा वहीं सिंचाई के लिए भी पानी मिल सकेगा ।
रामगढ़ बांध एक नजर
2,648 एमसीएफटी पानी है भराव क्षमता
बांध क्षेत्र का लंबाई क्षेत्र है 1,860 मीटर
बांध की 23.16 मीटर है गहराई
12,125 हेक्टेयर क्षेत्रफल 1902 में हुआ था निर्माण
बांध से 1933 में शुरू हुई थी पेयजल आपूर्ति
पेयजल सप्लाई 2005 में अंतिम बार लिया पानी
Published on:
21 Oct 2024 08:30 am
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