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ऐसे तो विद्यार्थी नहीं बन पाएंगे वकील

शिक्षकों के 20 पद स्वीकरत लेकिन फिर भी इस शैक्षणिक सत्र में शुरू नहीं होंगे विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज

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जयपुर

राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालयों में 20 नए शिक्षकों के पदों को भरने की स्वीकरति मिलने के बाद भी इस शैक्षणिक सत्र में लॉ कॉलेज शुरू नहीं हो सकेंगे। बीसीआई ने शिक्षकों की कमी के चलते राजस्थान विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज सैकंड और लॉ कॉलेज फाइव ईयर में प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। जिसके बाद विश्वविद्यालय की ओर से राज्य सरकार को लिखे पत्र के बाद सरकार ने लॉ कॉलेज में 20 नए शिक्षकों की भर्ती के लिए पदों को मंजूरी भी दे दी लेकिन मंजूरी मिलने के बावजूद भी महाविद्यालयों में इस साल से प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेंगे। लेकिन अगर विश्ववविद्यालय शपथ पत्र दे तो इस शैक्षणिक सत्र में भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकती है। लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से बीसीआई को शपथ पत्र नहीं दिए जाने के कारण महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया पर पूरी तरह रोक लग गई है।
सरकारी विधि महाविद्यालयों को शपथ पत्र पर मिली थी प्रवेश की अनुमति
गत शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के 15 सरकारी विधि महाविद्यालयों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की कमी को लेकर बीसीआई ने प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। लेकिन शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को लेकर कॉलेज आयुक्तालय ने बीसीआई को निश्चित तिथि तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का शपथ पत्र दिया था। इस शपथ पत्र के आधार पर बीसीआई ने महाविद्यालयों को प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी थी। लेकिन तब तक भी कॉलेज शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका। इसके बाद कॉलेज आयुक्तालय ने फिर से शपथ पत्र देकर महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को जारी रखा। लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय ने बीसीआई को कोई शपथ पत्र नहीं दिया। वह भी ऐसे में जब विश्वविद्यालय को भी सरकारी महाविद्यालयों की तरह ही शिक्षक भर्ती के लिए पदों को मंजूरी मिल चुकी हैं।
नहीं होंगे 420 सीट पर प्रवेश
इस साल प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं होने से लॉ कॉलेज सैकंड की 300 और लॉ कॉलेज फाइव ईयर की 120 सीट पर प्रवेश नहीं होंगे। जिससे विश्वविद्यालय में 420 लॉ की सीट खाली रहेगी। ऐसे में अब प्रवेश प्रक्रिया शुरू तब ही हो सकती है जब भर्ती प्रक्रिया पूरी हो। लेकिन लॉ कॉलेज में पद स्वीकरत होने के बाद अभी तक इस भर्ती को लेकर कोई खाका विश्वविद्यालय की ओर से तैयार नहीं किया गया हैं। जिस कारण से आगामी करीब तीन माह तक तो भर्ती होना संभव नहीं हैं। लेकिन जानकारों की माने तो सरकारी महाविद्यालयों की ओर से कॉलेज आयुक्तालय की ओर से दिए गए शपथ पत्र की तरह ही विश्वविद्यालय भी शपथ पत्र दे कि वह गेस्ट फैकल्टी से कक्षाएं शुरू कर और एक निश्चित तिथि तक भर्तियां कर सकता है तो बीसीआई सरकारी महाविद्यालयों की तरह ही विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज में भी प्रवेश की अनुमति दे सकता हैं। लेकिन विश्वविद्यालय ने इस संबंध में अभी तक कोई शपथ पत्र नहीं देकर इस शैक्षणिक सत्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने को लेकर कोई पहल नहीं की है।