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विभिन्न जगहों पर निकली कलश यात्रा में प्रकृति के संरक्षण का भी दिया संदेश

श्रीमदभागवत कथा भगवान कृष्ण की वाणी पुरानी बस्ती स्थित नृसिंह मंदिर बंशीवाले बाबा की बगीची नृसिंह जयंती महामहोत्सव (पाटोत्सव) के मौके पर गुरूवार से श्रीमद भागवत कथा की शुरूआत हुई। इस दौरान कलश यात्रा गाजे बाजे और लवाजमे के बीच पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ मंदिर से महंत अवधेश दास के सान्निध्य में निकली।

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विभिन्न जगहों पर निकली कलश यात्रा में प्रकृति के संरक्षण का भी दिया संदेश

विभिन्न जगहों पर निकली कलश यात्रा में प्रकृति के संरक्षण का भी दिया संदेश

यजमान मुन्नी देवी, पुष्करेन्द्र शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे। कथाव्यास महंत अवधेशदास ने कथा का महात्मय और कलश यात्रा पर चर्चा की। प्रवचन में उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत कथा भगवान कृष्ण की वाणी है। यह जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान करती है, जहां भागवत का वाचन होता है। वह स्थान तीर्थ स्थान के समान होता है। इस मौके पर प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया गया। तुलसी सहित अन्य पौधे भी वितरित किए गए। प्रवक्ता रामअवतार शर्मा ने बताया कि तीन मई तक दोपहर में दो बजे से रहेगा। रोजाना विभिन्न प्रान्तों से आए संत, महात्मा शिरकत करेंगे।


इधर बंगाली समाज की ओर से काली माता मूर्ति स्थापना वर्षगांठ समारोह के मौके पर अखंड हरिनाम संकीर्तन महायज्ञ एवं कलश यात्रा नहर के गणेश जी मंदिर से रवाना होकर शंकर नगर काली माता मंदिर पहुंची। प्रसादी व अत्रकूट हुआ। बंगाल से आए हुए कलाकारों ने हरिनाम संकीर्तन शुरू हुआ। मंदिर युवाचार्य पं. मानव शर्मा ने बताया कि महंत पं. जय शर्मा ने पूजा कर महिलाओं को कलश और पुरूषों को निशान दिखाकर यात्रा को रवाना किया।