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सर्दी जुकाम की समस्या और वायु प्रदूषण बन सकता है फेफड़ों का गंभीर रोग

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों का गंभीर रोग

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spreads rapidly, affects the lungs

ओमीक्रोन का सब वेरिएंट बी 2 बन रहा खतरा

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों का गंभीर रोग है। World COPD दिवस सीओपीडी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में सीओपीडी देखभाल में सुधार करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease (COPD) की बीमारी में फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और इसमें सूजन की समस्‍या भी होने लगती है।

ये एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी लंग डिजीज है, जो फेफड़ों और सांस की नली को प्रभावित करती हैं। इससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बलगम का बनना और घरघराहट की समस्‍या बनी रहती है।

फेफड़ों की नली में स्थाई रूप से सूजन यानी सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) का पूर्ण उपचार तो संभव नहीं है, लेकिन दवाइयों के सहारे इस पर नियंत्रण जरूर लगाया जा सकता है।

मरीजों में से इस बीमारी से लगभग 16 फीसदी लोग ग्रस्त हैं। वर्तमान में इस रोग से पीडि़तों की चौथी सबसे बड़ी संख्या है। अगले 5 वर्ष में यह सबसे बड़ा दूसरा रोग हो जाएगा। इस वर्ष सीओपीडी की थीम ‘जिंदगी के लिए आपके फेफड़े’ (यूअर लंग्स फॉर लाइफ) है।

सर्दी जुकाम की समस्या बन सकती है वजह

बार-बार जुकाम, आंख और नाक से पानी आना एलर्जी का संकेत है. धूल, पॉल्यूशन या किसी खास कपड़े या नमी के कारण ऐसा हो सकता है। अगर बार-बार ऐसा हो रहा है तो आप एलर्जी टेस्ट करा लें अन्यथा ये एलर्जी ब्रोंकाटिस और अस्थमा के तब्दील हो सकती है।

धूल, मिट्टी और प्रदूषण की वजह से अस्थमा की समस्या हो सकती है। अगर सांस से आवाज आए और कफ की समस्या बराबर बनी रहे तो इसे नजरअंदाज न करें।