ऊंट और घोड़ों की शाही सवारी। भगवान की लीलाओं पर आधारित भजनों पर रंग बिरंगे परिधानों में थिरकते पुरुष और महिला श्रद्धालु। शोभायात्रा के स्वागत के लिए पूरे मार्ग पर पुष्पवृष्टि। संतों का आशीष प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं में होड़।
कुछ इसी तरह का नजारा था धर्म संस्कृति को समेटे लोढ़ी काशी के नाम से विख्यात बांसवाड़ा शहर का। मौका था श्रीराम चरित मानस मंडल के तत्वावधान में 9 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का। सुबह करीब 10 बजे वनेश्वर मंदिर परिसर स्थित मानस भवन में मंडल सदस्यों की ओर से लिखे गए 21 करोड़ ऊं नम: शिवाय के मंत्रों की संत मुरलीधर महाराज के सानिध्य में स्थापना की गई। इसके बाद दोपहर 12 बजे मंदिर परिसर से संतों के सानिध्य में गाजो बाजो के साथ शोभायात्रा की निकाली गई।
इसमें श्री रामकथा वाचक राष्ट्रीय संत मुरलीधर महाराज, रामप्रकाश महाराज, उदयराम महाराज सहित सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु शरीक हुए। शोभायात्रा अपरान्ह 3:10 मिनट पर अनुष्ठान स्थल कुशलबाग पहुंची। जहां संत मुरलीधर शास्त्री ने श्रीराम कथा का मंगलाचरण किया। पं. दिव्यभारत पंड्या के आचार्यत्व में कथा के यजमान वीरेंद्र दोसी, अरुण दोसी, गिरीजाशंकर जोशी आदि ने पोथी पूजन किया।