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साइंस सेंटर में स्टूडेंट्स सीखेंगे कोडिंग, प्रोग्रामिंग और 3-डी प्रिंटिंग

जुलाई में पूरा होगा न्यूक्लियर पॉवर गैलरी और इनोवेशन हब का काम, 1.50 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट में कोरोना और अन्य कारणों के चलते देरी होती रही है।

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शास्त्री नगर स्थित रीजनल साइंस सेंटर (साइंस पार्क) में स्टूडेंट्स को जल्द ही न्यूक्लियर पॉवर गैलरी, डायनोटोरियम और इनोवेशन हब में न्यू एज टेक्नोलॉजी की जानकारी मिलेगी।

सेंटर के सहायक निदेशक कैलाश मिश्रा ने बताया कि यहां बीते साल जनवरी से नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम, कोलकाता की टीम की देखरेख में इनोवेशन हब प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। करीब 1.50 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा डायनोटोरियम, न्यूक्लियर पॉवर गैलरी और इनोवेशन हब का काम 31 जुलाई तक पूरा होने की उम्मीद है। सहायक निदेशक मिश्रा ने बताया कि इनोवेशन हब में विद्यार्थी, विशेषज्ञों की देखरेख में कोडिंग, मॉडलिंग, प्रोग्रामिंग, 3-डी प्रिंटिंग सीख सकेंगे। प्रोजेक्ट को स्कूलों और रिसर्च प्रोग्राम से जोड़कर विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहयोग देंगे।

प्रमुख आकर्षण

बायोमेडिकल रिवोल्यूशन इंटीरीयर गैलरी

डायनोपार्क एवं नए मॉडल्स

मिनी तारा मंडल

3 डी फिल्म थियेटर

फ्रंटियर्स ऑफ एस्ट्रोनोमी इंटीरीयर गैलरी

फन साइंस इंटीरीयर गैलरी

सहायक निदेशक ने बताया कि 1998 मेें साइंस पार्क का निर्माण किया गया था। इसमें वैज्ञानिक सिद्धान्तों को मॉडल्स के जरिए आसान तरीके से समझाया गया है। वर्ष 2012 में साइंस पार्क को अपग्रेड कर रीजनल साइंस सेंटर बना दिया गया। सेंटर में बच्चों के लिए प्रतिवर्ष विज्ञान आधारित वर्कशॉप का आयोजन भी किया जाता है। नए प्रोजेक्ट से सेंटर और अपग्रेड हो जाएगा।


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