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गरीब को 2 हजार रुपए देकर साइबर ठगी के लिए खुलवाते थे बैंक खाते, पांच गिरफ्तार

जयपुर. गरीबों को दो-दो हजार रुपए देकर उनके दस्तावेज से बैंक खाता खुलवाकर साइबर ठगी रकम डलवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच जालसाजों को रामनगरिया थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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जयपुर

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Lalit Tiwari

Jun 02, 2024

जयपुर. गरीबों को दो-दो हजार रुपए देकर उनके दस्तावेज से बैंक खाता खुलवाकर साइबर ठगी रकम डलवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच जालसाजों को रामनगरिया थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच की सूचना हुई कार्रवाई में गिरोह के पास 733 फर्जी बैंक खातों की जानकारी मिली है। एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि गिरोह के पास 18 बैंक खातों के आवेदन, 34 सिम, 7 आधार कार्ड, बैंक खातों के आवेदन फार्म, चैक बुक, शील, बायोमेट्रिक मशीन, 32 क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड व बायोमेट्रिक मशीन बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपी इन बैंक खातों को सट्टा, साइबर ठगी, ऑनलाइन गैमिंग की अवैध धन राशि के ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग में लेते थे। आरोपी करीब चार साल से इस काम को अंजाम दे रहे थे। गिरोह के दो सरगना अन्य शहरों में भी कमीशन के बदले बैंक खाता उपलब्ध करवाने वालों के संपर्क में थे। गिरोह में शामिल अन्य जालसाजों की तलाश की जा रही है।
इनको किया गिरफ्तार
डीसीपी (पूर्व) कावेन्द्र सिंह सागर ने बताया कि गिरफ्तार राजेन्द्र कुमार मीना उसका भाई सुरेश कुमार मीना, लक्ष्य जैन जगतपुरा, योगी कृष्ण सोनी कालवाड़ रोड हाथोज और संदीप बागड़ा न्यू सांगानेर रोड सोडाला निवासी हैं। उन्होंने बताया कि बैंक खातों का लेखा जोखा लक्ष्य जैन रखता था। लक्ष्य के कब्जे से लैपटॉप मिला है जिसमें फर्जी बैंक खातों की डिटेल मिली है। गैंग के सरगना योगी कृष्ण सोनी और संदीप बागड़ा उर्फ सेंडी है। योगी कृष्ण ट्यूर एण्ड ट्रेवल्स का काम करता है और उसकी आड़ में ठगी के कामों को अंजाम देता है। संदीप बागड़ा सटोरिया है। बैंक खाता खोलने वाला राजेन्द्र कुमार मीना पहले बैंक में ही नौकरी करता था। लेकिन बाद में नौकरी छोड़ फर्जी खाते खोलने के लिए गैंग से जुड़ गया।
पत्नी, दोस्त, रिश्तेदार किसी को नहीं छोड़ा
क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर रामसिंह नाथावत ने बताया कि गैंग का सरगना एक बैंक खाता खुलवाने के लिए गिरोह के सदस्य राजेन्द्र कुमार मीना व उसके भाई सुरेश कुमार मीना को पांच हजार रुपए देता था, लेकिन बाद में संदीप बागड़ा इनसे जुड़ गया और वह एक बैंक खाता खोलने के 20 हजार रुपए देने लगा। आरोपी दोनों भाई कोटा, करौली और जयपुर में बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले। शुरुआत में पत्नी, दोस्त और रिश्तेदारों के फर्जी बैंक खाते खोले। इसके बाद गांवों में जाकर गरीबों को प्रलोभन देकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाने की कहते और उन्हें प्रति खाता दो हजार रुपए देते थे। नाथावत ने बताया कि गिरोह का सरगना योगी कृष्ण सोनी सफेदपोश बनकर वारदात कर रहा था। खुद पकड़ में नहीं आए, इसके लिए गिरोह के अन्य सदस्यों के जनिए वारदात कर रहा था।

फार्म भरते समय फेक सिम आईडी व मोबाइल नंबर
दोनों भाई बैंक खाता खुलवाने के लिए फार्म भरते समय दस्तावेज में फेक सिम आईडी व मोबाइल नंबर लिखते थे। आधार पर फोटो भी बदल देते थे। जबकि बैंक खाता में पता गैंग के दोनों सरगना के घर का देते थे, ताकि बैंक से संबंधित सभी दस्तावेज (पासबुक, चैकबुक, एटीएम व डेबिट कार्ड) सरगना के घर पहुंच जाएं।

दो माह से रख रहे थे निगरानी
स्टेट क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल गंगाराम, हैड कांस्टेबल कमल सिंह, शंकर दयाल, रामनिवास और कांस्टेबल भूपेन्द्र शर्मा सहित टीम में शामिल अन्य पुलिसकर्मी करीब दो माह से गिरोह की गतिविधियों पर नजर रखकर उनके खिलाफ सबूत जुटाए, तब जाकर यह कार्रवाई की गई।