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सरिस्का से निकलकर जयपुर पहुंचा टाइगर… चार दिन से मूवमेंट, क्षेत्र में दहशत

60 किलोमीटर की दूरी तय कर सरिस्का से जमवारामगढ़ अभयारण्य आया टाइगर, रायसर एवं अजबगढ़ रेंज में मिले पगमार्क, ट्रेप कैमरे में दिखी झलक

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सरिस्का अभयारण्य में बाघों का कुनबा बढ़ने, विचरण क्षेत्र छोटा पड़ने और बाघों का नए इलाकों के लिए भटकने का सिलसिला जारी है। सरिस्का से एक और बाघ भटकते-भटकते जयपुर के पास तक पहुंच गया है। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ के लिए सर्च आपरेशन शुरू कर दिया है।

सरिस्का के बाघों को जमवारामगढ़ अभयारण्य की आबोहवा रास आने लगी है। करीब दो साल से टाइगर एसटी-24 जमवारामगढ़ अभयारण्य में विचरण कर रहा है। वहीं अब सरिस्का का टाइगर एसटी-2305 जमवारामगढ़ क्षेत्र के रायसर एवं अजबगढ़ रेंज पहुंच गया है। टहला क्षेत्र से आए टाइगर एसटी-2305 के अजबगढ़ रेंज के सानकोटडा नाका क्षेत्र में रासावाला, किलचपुरी वन क्षेत्र में पगमार्क मिले हैं। इसके बाद से वन विभाग के अधिकारी सचेत हैं।

लगातार कर रहा विचरण

जानकारी के अनुसार 28 नवंबर को सानकोटडा वन नाका के रासावाला किलचपुरी वन क्षेत्र में सुबह वनकर्मियों को बाघ के पगमार्ग दिखाई दिए थे। जांच में पगमार्क टाइगर एसटी-2305 के मिले। इस पर सरिस्का मॉनिटरिंग टीम को सूचना दी गई। 29 नवंबर को पुनः कानीखोर जंगल की ओर जाते हुए पगमार्क देखे गए। इस पर कानीखोर वन क्षेत्र में ट्रेप कैमरे लगाए गए। एक दिसम्बर की रात को टाइगर एसटी-2305 वन क्षेत्र में लगे ट्रेप कैमरे में भी नजर आया।

नियमित कर रहे मॉनिटरिंग

उपवन संरक्षक, वन्यजीव जयपुर ग्रामीण के ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि सरिस्का से जमवारामगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में टाइगर आया है। रायसर एवं अजबगढ़ रेंज की टीमों को सरिस्का के टाइगर एसटी—2305 की मॉनिटरिंग के लिए तैनात कर दिया गया है। नियमित गश्त कर टाइगर की मॉनिटरिंग की जा रही है।