
जवाहर सिंह बेढम और टीकाराम जूली
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसलमेर-श्रीगंगानगर में गुरुवार रात पाकिस्तान की ओर से कुल 56 ड्रोन हमले की कोशिश थी, जिसे भारतीय वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) ने नाकाम कर दिया। हालांकि किसी के हताहत होने या जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं, पोकरण में भी धमाकों की आवाजे सुनाई दी। इस ड्रोन हमले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सेना के अंदर जो जोश और जज्बा है, उससे तय होता है कि आतंकियों के लिए हमारे पास कोई राहत नहीं है। वहीं, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि राज्य सरकार आम लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन हमले को लेकर कहा कि राजस्थान की एक हजार से लंबी सीमा पाकिस्तान से लगती है। मुझे लगता है कि जिस तरह से पाकिस्तान ने जैसलमेर में अपने नापाक इरादे जाहिर किए। उन्होंने ड्रोन से हम पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन मैं समझता हूं कि हमारी एंटी मिसाइल जो इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी है। हथियार वो है जिसने मिसाइल के ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया और कोई नुकसान नहीं होने दिया, इसलिए हमारी सेना बहुत मजबूती के साथ युद्ध में कूद पड़ी है। पूरा देश उनके साथ है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं सभी लोगों से कहना चाहूंगा कि हम सेना के लिए जो भी सहयोग कर सकते हैं, सैनिकों के सम्मान के लिए, हमें उनके लिए करना चाहिए। मैं लगातार कई कार्यकर्ताओं के संपर्क में हूं। मैं भी अफसरों से बात कर रहा हूं। सेना के अंदर जो जोश और जज्बा है, उससे तय होता है कि आतंकियों के लिए हमारे पास कोई राहत नहीं है। आतंकियों का इलाज होना चाहिए और आतंकियों को पनाह देने वालों का भी इलाज होना चाहिए।
वहीं, राजस्थान के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने जैसलमेर में मिसाइल और ड्रोन हमले को लेकर कहा कि कल पाकिस्तान द्वारा जैसलमेर या हमारे देश के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों पर हमला करने के लिए भेजे गए ड्रोन को भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और नाकाम कर दिया।
बेढ़म ने बॉर्डर के आस-पास इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें जो भी उचित व्यवस्थाएं की जानी चाहिए, उनके लिए निर्देश जारी किए गए हैं। जिन प्रशासनिक अधिकारियों के पद रिक्त थे, उन्हें भी राज्य पुलिस और आरएसी कंपनियों के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजा गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि राज्य सरकार वहां के सेना के जवानों, सैन्य बल और आम लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
Updated on:
09 May 2025 12:51 pm
Published on:
09 May 2025 12:10 pm
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