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पंकज वैष्णव
Rajasthan Police To Learn Tricks Of Dark Web And AI : उदयपुर. राजस्थान पुलिस अब आधुनिकता की ओर बढ़ रही है। पुलिस डार्क वेब व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificail Intelligence) (AI) के गुर सीखेगी। इसके लिए खुले मंच से एक्सपर्ट को बुलाया गया है, जो पुलिस के साथ आधुनिक तकनीक पर काम करेंगे। शुरुआती दो चरणों में इसका प्लान बनाया जाएगा, जो प्रदेश में आधुनिक पुलिस का भविष्य तय करेगा। इसके लिए आइटी एक्सपर्ट को हैकथॉन पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। मकसद तकनीकी समाधानों की पहचान करना है। इसमें कई स्टार्टअप और तकनीक से जुड़े संस्थानों की मदद ली जाएगी।
डार्क वेब, सोशल मीडिया अलर्ट, इनोवेटिव क्राइम स्टेट्स एनालिसिस, एचआर मैनेजमेंट, एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग जैसे फील्ड को कवर होंगे। समाधान के लिए एक्सपट्र्स को मौका दिया जा रहा है। इसके लिए हैकथॉन पोर्टल पर एक्सपर्ट रजिस्ट्रेशन कर प्रजेंटेशन दे सकते हैं। दूसरे चरण में साल के अंत में हैकथॉन का ग्रैंड फिनाले होगा, जिसमें चयनित प्रतिभागी पुलिस की चुनौतियों के समाधान की तकनीक बताएंगे। इसमें वे सब गतिविधियां शामिल होंगी, जो पुलिस का काम आसान कर सकें।
इन तकनीकों पर होगा काम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : सभी थानों में कैमरे लगे हुए हैं। ऐसे में एआइ सिस्टम सेट कर सकते हैं, जिससे संदिग्ध गतिविधियों को और बेहतर पहचाना जा सके। एआइ प्रणाली वीडियो डेटा लेकर घटनाओं की पहचान कर सके। कंप्यूटर विजन एल्गोरिदम विकसित करें, जो लाइव वीडियो स्ट्रीम से घुसपैठ, संदिग्ध गतिविधियां को पहचान सके।
कानूनी जानकारी के साथ तकनीक : आईपीसी की धारा के अनुसार एफआइआर दर्ज होती है, जांच अधिकारी के नॉलेज के अनुसार काम होता है, जिसकी एक सीमा है। ऐसे में दोषियों के खिलाफ कमजोर धारा लगाने के आरोप लगते हैं। एआइ आधारित प्रणाली डिजाइन किया जाए, जो शिकायत का विश्लेषण कर सके। सटीकता के साथ जांच में मदद कर सके।
डार्क वेब मॉनिटरिंग सिस्टम : इंटरनेट चोरी के डेटा, ड्रग्स, हथियारों और अन्य अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया है। ऑनलाइन सुरक्षा तय करने के लिए मजबूत डार्क वेब मॉनिटरिंग सिस्टम की जरुरत है। सिस्टम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अवैध गतिविधियां, संवेदनशील डेटा लीक और खतरों की पहचान कर सकें। रियल टाइम अलर्ट दे सके।
फीडबैक सिस्टम डेवलपमेंट : पुलिस का रवैया समझने के लिए आमजन से चर्चा की जाती है। इसके लिए फीडबैक सिस्टम विकसित करना है, जो पारदर्शिता स्थापित कर सके। फीडबैक सिस्टम की कमी से आमजन को पुलिस के साथ व्यवहार में परेशानी आती है। आमजन गोपनीयता संबंधी चिंता के डर से फीडबैक देने में संकोच कर सकते हैं।
Published on:
07 Nov 2023 09:58 pm
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