30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Jaipur: मेट्रो में टोकन सिस्टम होगा खत्म, एयरपोर्ट जैसा रहेगा सफर, दिल्ली-मुंबई की तरह मिलेंगे टिकट

QR Ticket System Will Launch In Jaipur Metro: जयपुर मेट्रो ने यात्रियों के सफर को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए टोकन सिस्टम को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

2 min read
Google source verification
Jaipur-Metro

जयपुर मेट्रो। फोटो: पत्रिका

Token System Will End In Jaipur Metro: जयपुर मेट्रो शहरवासियों के सफर सुगम बनाने के लिए टोकन सिस्टम को खत्म करने जा रहा है। टोकन की जगह क्यूआर कोड से स्टेशन में यात्री प्रवेश कर सकेंगे। इस टिकट को अपने साथ भी ले जा सकेंगे। आने वाले कुछ माह में दिल्ली-मुम्बई के तर्ज पर मेट्रो की टिकट घर बैठे ही मंगवा सकेंगे। इसके लिए मेट्रो प्रशासन एक वॉट्सएप नम्बर जारी करेगा।

दरअसल, मेट्रो शुरू होने से अब तक 80,000 टोकन खराब या फिर चोरी हो गए। इनको बनाने में करोड़ों रुपए खर्च हुए। इससे बचने के लिए मेट्रो प्रशासन यह कदम उठाने जा रहा है। अभी ट्रायल चल रहा है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

घर से ही करा सकेंगे टिकट बुक

मेट्रो प्रशासन के प्लान में घर से ही टिकट लेने का भी प्रावधान है। अधिकारियों की मानें तो इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। एक दिन में एक मोबाइल नम्बर से छह टिकट बुक की जा सकेंगी। भुगतान करने के साथ ही क्यूआर कोड आएगा, इसके स्टेशन स्कैनर पर स्कैन होते ही गेट खुलेंगे। एयरपोर्ट जैसी सुविधा मिलेगी।

काउंटर से टिकट

टोकन के अलावा, काउंटर से क्यूआर कोड वाला पेपर टिकट भी जारी किया जा रहा है। स्कैनर पर स्कैन कराने के बाद स्टेशन की ओर चले जाएंगे। यात्रा पूरी होने के बाद यात्री बाहर निकलते समय इस टिकट को टोकन की तरह छोड़ भी सकेंगे और साथ भी ले जा सकेंगे।

100 से 150 यात्री रोज टोकन साथ लेकर जा रहे हैं

मेट्रो में प्रतिदिन 60 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। मेट्रो की एक रिपोर्ट में सामने आया कि इनमें से रोज 100-150 स्मार्ट टोकन लेकर निकल जाते हैं। मार्च, 2024 तक 79,156 टोकन खराब हो गए या खो गए थे। हालांकि, स्टेशन से बाहर निकलने के बाद टोकन अमान्य हो जाते हैं। हर टोकन की कीमत 22 रुपए आती है।

ऐसे निकल जाते बाहर

कुछ यात्री यादगार के तौर पर टोकन को ले जाना चाहते हैं। ऐसे में वे पहले कम दूरी का टिकट खरीदते हैं और स्टेशन पर दूसरी टिकट खरीद लेते हैं। इससे एक टोकन साथ लेकर चले जाते हैं।