जिले में टोल का जाल इस कदर फैला है कि कई मार्गों पर जनता को घर से निकलते ही टोल देना पड़ रहा है। कई जगह दो टोल के बीच की दूरी सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा जनता की जेब ढीली कर रही है।
नियमानुसार दो टोल के बीच की दूरी कम से कम 30 किलोमीटर होनी चाहिए, लेकिन जिले में कई एेसे टोल हैं जिनके बीच की दूरी 10 से 12 किलोमीटर ही है। खैरथल में तो एक टोल कम्पनी ने नगर पालिका क्षेत्र में ही टोल लगा दिया। इसके चलते स्कूल, कॉलेज आदि जाने के लिए भी वाहन चालकों को टोल देना पड़ रहा है।
खैरथल में कस्बे से मात्र डेढ़-दो किलोमीटर की दूरी पर किशनगढ़ रोड पर टोल है। यह टोल नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड 17 व 24 के मध्य स्थित है। अच्छी सड़क सुविधा के बदले खुले इस टोल को लेकर ग्रामीणों ने कई बार विरोध भी जताया।
जनप्रतिनिधि भी उनके समर्थन में उतरे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। हालात यह है कि लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए आने-जाने पर टोल चुकाना पड़ रहा है।
अलवर से भरतपुर मार्ग भी बना नासूरअलवर-भरतपुर मार्ग पर भी दोहरे टोल की मार पड़ रही है। यहां बहाला पर सार्वजनिक निर्माण विभाग का टोल है। इससे करीब 10-12 किलोमीटर की दूरी पर भरतपुर मार्ग पर एक अन्य टोल है। अलवर से बड़ौदामेव जाने वाले वाहनों को बहाला से चंद दूरी की यात्रा के लिए ही फिर से जेब ढीली करनी पड़ती है।
गत दिनों प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने थोड़ी दूरी पर स्थित दो टोल का विरोध जता वाहन चालकों का एक टोल माफ की मांग की। लेकिन सरकारी नीतियों में गलत होने के बावजूद वाहन चालकों पर दोहरे टोल की मार पड़ रही है।
उपखण्ड मुख्यालय जाना है तो देना पड़ेगा टोलखैरथल से निकलते टोल के चलते लोगों का उपखण्ड मुख्यालय किशनगढ़बास जाना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल, खैरथल का उपखण्ड मुख्यालय किशनगढ़बास लगता है।
किशनगढ़बास में न्यायालय, तहसील, कोषागार सहित अन्य सरकारी कार्यालयों व बैंक, बीईईओ कार्यालय आदि होने के चलते लोगों को दिन में कई बार किशनगढ़बास जाना पड़ता है। हालत यह है कि हरबार उन्हें मुख्यालय जाने का टोल देना पड़ता है।
एक टोल से गुजरो, दो का शुल्क दोअलवर-बहरोड़ मार्ग पर एक टोल का उपयोग करने के बावजूद वाहन चालकों को दो-दो टोल का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। दरअसल, अलवर से बहरोड़ के बीच आरएसआरडीसी के दो टोल हैं। इनमें से किसी भी टोल से गुजरने वाले वाहनों से दोनों टोलों का शुल्क वसूला जा रहा है। जबकि नियम यह है कि वाहन चालक जितने टोलों से गुजरेगा, उसे उतने ही टोल का शुल्क चुकाना पड़ेगा।
उमेश गर्ग परियोजना निदेशक आरएसआरडीसी अलवर ने बताया कि यह सही है कि खैरथल में लगा टोल नगर पालिका क्षेत्र में आ रहा है। लेकिन टोल का नगर पालिका क्षेत्र में नहीं लगने की कोई गाइड लाइन नहीं है।
जो कुछ भी हुआ है वह सरकार के निर्देशों के अनुरूप हुआ है। हमारी ओर से इसमें कुछ गलत नहीं है। अलवर-बहरोड़ मार्ग पर दोनों टोलों की राशि वसूलने का निर्णय भी सरकार का है। प्रदेश में और भी कई टोलों पर एेसा हो रहा है।