
राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले पन्द्रह दिन के लिए खोले गए तबादलों की अवधि बुधवार को खत्म हो गई। एक पखवाड़े से तबादलों को लेकर प्रदेशभर के लोग सचिवालय और मंत्री-विधायकों के आवासों पर जमा हो रहे थे।
सचिवालय में रोज मेले जैसा माहौल नजर आया। अंतिम दिन देर रात तक विभागों में तबादलों सूचियों को लेकर कामकाज चला। तबादला सूचियां भी देर रात को ही जारी की गईं। इन सूचियों के जरिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया। तबादलों में भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों के सिफारिशी पत्रों को विशेष रूप से देखा गया।
राजस्थान सरकार ने पहले तबादले 1 से 10 जनवरी तक करने के लिए छूट प्रदान की थी, लेकिन मंत्री और भाजपा विधायकों की मांग पर तबादलों की अवधि 10 से बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी थी। इसके बाद तबादलों की अवधि नहीं बढ़ाने के संकेत भी दे दिए गए थे। फिर भी तारीख बढ़ने की उम्मीद में तबादलों की पहले से तैयार कर ली गई सूचियां भी देर रात तक जारी नहीं की गई।
हालांकि कुछ विभागों की जरूर गत दो-तीन दिनों में छोटी सूचियां जरूर सामने आई, लेकिन जनता से सीधे जुड़े विभागों की तबादला सूचियों का देर रात तक इंतजार करना पड़ा। चिकित्सा, बिजली, पानी, पीडब्ल्यूडी, नगरीय विकास ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज में ज्यादा मारामारी रही। कार्मिकों की भारी भीड़ को देखते हुए मंत्रालय भवन में तो ज्यादातर मंत्रियों ने कई से बैठना ही बंद कर दिया था।
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बुधवार देर रात तबादला सूचियां जारी करने का सिलसिला शुरू हुआ। वित्त विभाग ने लेखा और वाणिज्यकर सेवा के 423 अधिकारी-कर्मचारियों की, पंचायत राज ने 142 कार्मिकों, कृषि विभाग ने 1207 कर्मचारियों की तबादला सूचियां जारी की। अन्य विभागों की सूचियों का इंतजार रहा।
Updated on:
16 Jan 2025 08:06 am
Published on:
16 Jan 2025 07:50 am
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