
राजस्थान के दो आईपीएस हुए आमने-सामने
अरविंद पालावत/जयपुर। आईपीएस तबादला सूची और कैट के अंतरिम आदेश के बाद एसडीआरएफ राजस्थान के कमांडेंट पद पर विवाद शुरू हो चुका है। दरअसल, हालही में आईपीएस पंकज चौधरी का कमांडेंट पद से तबादला एसपी कम्यूनिटी पुलिसिंग कर दिया गया था। जबकि एसडीआरएफ में कमांडेंट पद पर दौसा एसपी राजकुमार गुप्ता को लगा दिया गया था। ऐसे में 4 जुलाई को गुप्ता ने अपना कार्यभार संभाल लिया।
लेकिन, इसी बीच आईपीएस पंकज चौधरी केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल यानी कैट में चले गए और 7 जुलाई को कैट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि यदि वे रिलीव नहीं हुए हैं तो कमांडेंट पद पर कंटीन्यू कर सकते हैं। ऐसे में चौधरी फिर से एसडीआरएफ पहुंचे और काम को लगातार जारी रखते हुए 8 जुलाई को एसडीआरएफ की मासिक समीक्षा बैठक भी ले ली।
आईपीएस गुप्ता बोले...'शादी के कारण छुट्टी पर था, सोमवार को करूंगा फिर ज्वाइन'
जब इस मामले पर आईपीएस राजकुमार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 4 जुलाई को सुबह पदभार ग्रहण कर लिया है। साथ ही उसी दिन एसडीआरएफ के एडीजी ने आईपीएस पंकज चौधरी को कार्यमुक्त करने का आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश में एडीजी ने इस बात की जानकारी दी है कि आईपीएस राजकुमार गुप्ता ने ज्वाइनिंग दे दी है। ऐसे में आईपीएस चौधरी को नवपदस्थापन के लिए तुरंत प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाता है। इधर, आईपीएस गुप्ता ने कहा कि वे 4 जुलाई को कार्यभार ग्रहण करने के बाद परिवार में शादी के कारण अवकाश पर चले गए थे। ऐसे में वे सोमवार को फिर से ज्वाइन करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कैट ने जो आदेश जारी किया है, उसमें ये कहा गया है कि यदि आईपीएस पंकज चौधरी रिलीव नहीं हुए हैं तो वे कमांडेंट के पद पर कार्य जारी रख सकते हैं। जबकि उन्हें एडीजी, एसडीआरएफ नवपदस्थापन के लिए कार्यमुक्त कर चुके हैं।
आईपीएस चौधरी बोले...'मैंने नहीं दिया चार्ज, एडीजी नहीं कर सकते कार्यमुक्त'
वहीं, जब इस मामले पर आईपीएस पंकज चौधरी से बात की गई तो कहा कि उन्होंने अब तक आईपीएस गुप्ता को कमांडेंट का चार्ज ही नहीं दिया है। चार्ज का आदान-प्रदान होेने के बाद इसकी सूचना स्टेट को भेजी जाती है। इसके बाद कार्यमुक्त हुआ माना जाता है। एडीजी की ओर से कार्यमुक्त करने के आदेश पर उन्होंने कहा कि एडीजी कार्यमुक्त नहीं कर सकते हैं। साथ ही बताया कि ट्रिब्यूनल के आदेश की पालना में कंटीन्यू कर लिया है। साथ ही कैट के आदेश और कार्य यथावत की जानकारी स्टेट को भेज दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि चार्ज हमेशा सहमति से दिया जाता है। चार्ज के पत्रों पर रिलीव होने वाले और कार्य ग्रहण करने वाले दोनों अधिकारियों के हस्ताक्षर होते हैं।
Published on:
09 Jul 2022 09:05 pm
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