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जयपुर टैंकर ब्लास्ट से कुछ मिनट पहले मां से हुई थी बात, प्रतियोगी परीक्षा देने जयपुर आ रही विजिता 70 फीसदी तक झुलसी

एक तरफ जहां बेटी से हुई आखिरी बातचीत के बाद मां को यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कुछ गलत हुआ है, वहीं दूसरी तरफ वह जानने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी बेटी की हालत कैसी है।

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जयपुर। बेटी से आखिरी बार बात की थी, फिर अचानक अनजान नंबर से कॉल आई और हमारी दुनिया बदल गई…ये शब्द थे उदयपुर निवासी पार्वती देवी के, जिनकी बेटी विजिता भांकरोटा अग्निकांड में बुरी तरह झुलस गई।

एक तरफ जहां बेटी से हुई आखिरी बातचीत के बाद मां को यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कुछ गलत हुआ है, वहीं दूसरी तरफ वह जानने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी बेटी की हालत कैसी है। विजिता अब बर्न वार्ड में गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर जीवन और मौत की जंग लड़ रही है। वह 70 फीसदी तक जल चुकी है।

प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए जयपुर आ रही थी विजिता

पार्वती देवी ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि उनकी बेटी जयपुर में बीएड की पढ़ाई कर रही थी और घर आने के बाद प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए जयपुर वापस आ रही थी। विजिता ने उन्हें फोन करके बताया था कि वह बस से जयपुर पहुंचने गई है और उतरने वाली है।

लेकिन, फोन कटने के कुछ ही मिनटों बाद उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई और बताया गया कि उनकी बेटी आग से बुरी तरह झुलस गई है। इस फोन को पहले उन्होंने फेक समझा।

‘जब बस रुकी, तो विजिता गेट पर पहुंची

पार्वती देवी ने बताया, ‘जब बस रुकी, तो विजिता गेट पर पहुंची और जैसे ही उतरने लगी, बस से निकली आग की लपटों ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। उसका चेहरा, हाथ और शरीर का अधिकतर हिस्सा जल गया।’

सदमे में परिवार

घटना के बाद, विजिता ने श्रीमाधोपुर में रहने वाले भाई को फोन किया और रोते हुए बताया कि उसे आग ने चपेट में ले लिया है। भाई श्रीमाधोपुर से जयपुर के लिए रवाना हुआ और परिवार को घटना की जानकारी दी। हादसे से सभी सदमे में हैं।

दो महीने पहले हुई बेटे की मौत

इसी हादसे में भीलवाड़ा के बंसीलाल भी बुरी तरह झुलस गए। बंसीलाल दिव्यांग हैं। जब यह हादसा हुआ, उस वक्त वह एक ट्रक में बैठकर जयपुर आ रहे थे। परिजन ने बताया कि दो महीने पहले ही उनके दो साल के बेटे की मौत हुई है।

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दृष्टिहीन पिता के लिए यह दुख और भी गहरा

घटना में झुलसे उत्तर प्रदेश के ट्रक ड्राइवर नरेश के बारे में भी बताया गया कि वह 80 फीसदी तक जल चुके हैं। नरेश के भाई ने बताया कि उनके दृष्टिहीन पिता इस हादसे से टूट चुके हैं।

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