
विजय शर्मा
नामांकन बढ़ाने और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव किए हैं। इस सम्बंध में यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
नए प्रावधानों के तहत अब विश्वविद्यालय साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। अभी तक यूनिवर्सिटी में जुलाई में प्रवेश होते हैं, लेकिन जो छात्र किसी कारणवश प्रवेश नहीं ले पाए, वे जनवरी में प्रवेश ले सकेंगे। वहीं, यूजीसी ने अब 12वीं के बाद किसी भी यूजी कोर्स में प्रवेश की छूट दी है। यदि छात्र ने 12वीं किसी भी विषय में की हो, वह यूजी के किसी भी कोर्स में प्रवेश ले सकता है। इसके लिए छात्र को यूनिवर्सिटी या फिर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा। इसी प्रकार छात्र ने यूजी किसी भी विषय में किया है तो वह पीजी के किसी भी कोर्स में प्रवेश ले सकता है। इसके लिए भी छात्र को यूनिवर्सिटी या फिर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा।
पहली बार यूजीसी ने इस तरह के बदलाव किए हैं। यूजीसी का उद्देश्य है कि उच्च शिक्षा में छात्रों का नामांकन अधिक हो। छात्र डिग्री पूरी कर जल्द से जल्द रोजगार से जुड़े। स्किल्ड छात्रों को प्रवेश में प्राथमिकता मिले। छात्र अगर किसी एक विषय या क्षेत्र सेे बंधकर रहे, अगर वह सक्षम है तो किसी भी फिल्ड में अपन कॅरियर बना सकता है। नई गाइन लाइन के बाद विश्वविद्यालय इसे लागू करेंगे। डॉ मनीष जैन, कॉर्पोरेट निदेशक निजी यूनिवर्सिटी
वर्क एक्सपीरियंस के जुड़ेंगे क्रेडिट स्कोर: जिन युवाओं को किसी विशेष क्षेत्र में काम का अनुभव हैं और वह उसी क्षेत्र में डिग्री लेना चाहते हैं तो यूजीसी ने ऐसे छात्रों के लिए भी नए प्रावधान तय किए हैं। ऐसे छात्रों के कार्य अनुभव को क्रेडिट स्कोर में बदला जाएगा। ऐसे छात्र अपनी डिग्री को समय से पहले पूरा कर सकेंगे।
द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली से संस्थान अपनी सीटें भरने के लिए रियायत दे सकेंगे।
इंटर-डिसिप्लिनरी और डुअल-डिग्री प्रोग्राम्स से नए-नए पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने की आजादी मिलेगी।
संस्थान प्रोफेशनल्स और कामकाजी लोगों को डिग्री लेने के लिए आकर्षित कर सकेंगे।
तेजी से डिग्री पूर्ण कराने से संस्थान अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता का अधिकतम उपयोग कर पाएंगे और अधिक छात्रों को प्रवेश दे सकेंगे।
अब वर्ष में दो बार (जनवरी और जुलाई) प्रवेश लेने की सुविधा मिलने से छात्रों को समय की पाबंदी से आजादी मिलेगी।
अनुभव और स्वयं-अधिगम को मान्यता मिलेगी, जिससे गैर-पारंपरिक छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के द्वार खुलेंगे।
किसी भी पृष्ठभूमि से छात्र अब किसी भी विषय में दाखिला ले सकते हैं, जिससे कॅरियर के नए विकल्प खुलेंगे।
दो डिग्री एक साथ करने की अनुमति से बहुविषयक ज्ञान और अवसरों में वृद्धि होगी।
छात्र कम समय में डिग्री प्राप्त कर सकते हैं और जल्द नौकरी या उद्यमिता शुरू कर सकते हैं।
Published on:
01 May 2025 10:25 am
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