
Internet Governance
सुरेंद्र बगवाड़ा , जयपुर
दुनिया के नागरिक डेटा सिक्योरिटी, डिजिटल पब्लिक एरिया, डिसइंफॉर्मेशन एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ( artificial intelligence ) के बारे में विशेषज्ञ क्या सोचते है, आने वाला 'इंटरनेट गवर्नेंस कानून' कैसा होना चाहिए, यूनाइडेट नेशंस के प्रतिनिधि क्या सोच और क्या कर रहे है? इसके लिए हाल ही 14 दिसंबर को 'मिशन पब्लिक' के माध्यम से हुए अंतर्राष्ट्रीय संवाद और उसके सर्वे में सामने आए परिणामों को जानना होगा। आखिर दुनियां के लिए 'इंटरनेट गवर्नेंस का कानूनी एवं तकनीकी ढाँचा' कैसा होना चाहिए? ऐसी ही जिज्ञासाओं के जवाबों के लिए कानूनी एवं तकनीकी बहस अब अंतिम दौर के संवाद तक पहुँच रही है।
इसके लिए यूनाइटेड नेशंस की इंटरनेट गवर्नेंस फोरम ( internet governance ) की ओर से प्रस्तावित और मिशन पब्लिकस की ओर से आयोजित बहस में 81 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर विचार रखे। दो सत्रों में चली इंटरनेशनल बहस के दौरान ब्रेकआउट सेशंस में, हितधारकों, शोधकर्ताओं और कानूनी-तकनीकी विशेषज्ञों ने इंटरनेट गवर्नेंस की रिपोर्ट अंतिम रूप देने के लिए विस्तार से चर्चा की।
हालत बिगड़े, इससे पहले उठाए जरूरी कदम
संयुक्त राष्ट्र ( United Nations ) की ओर स्थापित इंटरनेट गवर्नेंस फॉरम ( Internet Governance Forum ) के मिशन पब्लिक संयुक्त संवाद 'इंटरनेट के भविष्य पर विश्व नागरिक संवाद की अंतिम रिपोर्ट' में स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रीय एम्बेसडर एवं आईएलओ ( ILO ) यूनाइटेड नेशंस के अंतराष्ट्रीय सूचना तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. डी.पी. शर्मा ने कहा कि यदि भविष्य में इंटरनेट की ग्लोबल गवर्नेंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मानव के लिए समान अवसर, अधिकार संरक्षण एवं मानवतावादी दृष्टिकोण से नियंत्रित नहीं किया तो दुनिया का भविष्य बेरोजगारी, व्यक्तिगत निजता, सुरक्षा एवं मानवता के धरातल पर खतरे में पड़ जाएगा। हालात बिगडें इससे पहले हमें जरूरी कदम उठाने होंगे। इस संदर्भ में अंतराष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञों, कानूनी सलाहकारों एवं यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल एजेंसियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।
सबसे खतरनाक होगा एक छोटा रिचार्ज
डॉ. शर्मा ने कहा कि आने वाले वक्त में बम, मिसाइल, बंदूकों से भी ज्यादा खतरनाक 50 रुपये का रीचार्ज ( mobile recharge ) होगा। मोबाइल पर 50 रुपये के रिचार्ज से आप दुनिया के किसी भी कोने में सोशल मीडिया या हैकिंग के जरिए से धार्मिक, राजनैतिक या सामाजिक उन्माद पैदा कर उपद्रव एवं हिंसा को भड़का सकते हैं। अपराध कर सकते हैं। याद रहे कि इस नवीन हथियार ( मोबाइल + 50 रुपया रीचार्ज ) के अपराध की रेंज बम, मिसाइल, बंदूकों से भी ज्यादा लंबी एवं खतरनाक है। कैसी विडंबना है कि 'दुनिया की आवाज को बुलंद कर लोकतान्त्रिक हथियार मुहैया कराने वाला 'इंटरनेट' आज अपने खुद के लोकतंत्र के लिए जूझ रहा है। संघर्ष कर रहा है।
यह दुनिया का सबसे बड़ा डायलॉग
यह संवाद कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा डायलॉग माना जा रहा है। इसमें 81 से अधिक देश 'इंटरनेट गवर्नेंस, डाटा राइट्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' जैसे मुद्दों पर नियम कानून एवं पॉलिसी बनाने के लिए एक मंच पर है। अब अंतिम दौर में है जिसकी रिपोर्ट यूनाइटेड नेशंस महासचिव को सौंपी जाएगी। इस डायलॉग का संचालन अंटोनिये वेर्गेने ने किया। इसमें प्रतिनिधियों के अलावा मिशंस पब्लिकस की अंतराष्ट्रीय संचार सचिव मारिया ताज़ी भी उपस्थित रही।
Published on:
18 Dec 2020 09:34 pm
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