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सोशल मीडिया के अधिक इस्तेमाल से बढ़ा ‘स्लीप एपनिया’ का खतरा, एसएमएस हॉस्पिटल में हर महीने आ रहे 400 से 500 मरीज

सोशल मीडिया और इंटरनेट का लगातार उपयोग लोगों में स्लीप एपनिया (नींद उड़ने) की समस्या बढ़ा रहा है।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जयपुर . सोशल मीडिया और इंटरनेट का लगातार उपयोग लोगों में स्लीप एपनिया (नींद उड़ने) की समस्या बढ़ा रहा है। चिंता की बात यह है कि अधिकांश लोग इसकी अनदेखी कर नींद के लिए आवश्यक समय को भी दरकिनार कर रहे हैं। अभी तक बुजुर्ग इससे अधिक प्रभावित थे, लेकिन अब युवा और बच्चों में भी यह समस्या बढ़ती जा रही है। एसएमएस अस्पताल की ईएनटी ओपीडी में स्लीप एपनिया पीड़ित 400 से 500 मरीज हर माह उपचार के लिए आ रहे हैं।

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महिलाओं की तुलना पुरुषों में अधिक
- स्लीप एपनिया भारत में एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है।
- महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा दोगुने से अधिक।
- शहरी मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों में 7.5 प्रतिशत के साथ वयस्कों में 4.4 से 13.7 प्रतिशत तक खतरा।
- 18-60 उम्र में अधिक जोखिम।
- स्कूली बच्चों में 5 वर्ष से 10वर्ष के बीच में भी ऐसे मामले मिल रहे हैं।

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प्रमुख लक्षण सांस लेने में रुकावट
सुबह उठने पर मुंह सूखना
बार-बार नींद टूटना
जोर-जोर से खर्राटे लेना
थकावट महसूस होना
दिन में ज्यादा नींद आना
ध्यान, सतर्कता व एकाग्रता में कमी

बीमारी का कारण
सोशल मीडिया का अधिक उपयोग
मोटापा
नाक ही हड्डी का टेढ़ापन
किडनी से जुड़ी समस्या
फेफड़ों में संक्रमण