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वास्तु कैसा हो ब्यूटी पार्लर का

बिजनस कोई भी हो, उसका स्थान, दिशा, इंटीरियर ( Interere ) इत्यादि भी मायने रखते हैं। इससे निर्धारित होता है कि कितनी सफलता मिलने की संभावना है। इसमें सबसे जरूरी है उस बिजनस के माफिक वास्तु ( Vastu ) । इससे न सिर्फ मन को तसल्ली मिलती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बना रहता है, जो किसी भी काम के सफल होने की कुंजी है। ऐसा ही एक बिजनस है ब्यूटी पार्लर ( Beauty Parlor ) का। इसमें महिलाओं का ही इन्वोल्वमेंट रहता है। जाहिर है, यह कार्य महिलाओं द्वारा, महिलाओं का और महिलाओं के लिए होता है।

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वास्तु कैसा हो ब्यूटी पार्लर का

वास्तु कैसा हो ब्यूटी पार्लर का

वर्तमान में महिलाओं में सजने संवरने ( Makeup ) के प्रति रुझान काफी बढ़ा है। इतना कि किसी भी गली से गुजरें आपको एक ब्यूटी पार्लर ( Beauty Parlor ) मिल ही जाएगा। यानी गली-गली में यह बिजनस फैला है। जाहिर है, इसमें काम्पटिशन भी बहुत ज्यादा है। यानी सफलता के लिए कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इनमें सबसे अहम है ब्यूटी पार्लर का वास्तु कैसा हो। कुछ वास्तु ग्रंथों में महिलाओं के संवरने के स्थान को रति मंदिर ( Rati Temple ) भी कहा जाता है।

दिशा और देवता

वास्तु शास्त्र के मुताबिक ब्यूटी पार्लर चलाने के दो मूल तत्त्व हैं, सजाने या सजने के प्रति उत्साह और सजाकर रूप बदलना यानी आडंबर। इसीलिए ब्यूटी पार्लर की दिशा ( Direction ) दक्षिणपूर्व यानी अग्निकोण ( South East ) अथवा दक्षिण होनी चाहिए। इस दिशा के अनुसार इसके देवता हैं ऊर्जा और उमंग देने वाले पूषा ( Pushan )या पूषन और आडंबरकर्ता या कृत्रिमता का निर्माण करने वाले वितथ ( Vitath )। स्पष्ट है, देवता है तो निगेटिव नहीं, बल्कि पॉजिटिव होंगे। इसलिए वितथ आडंबर भले ही देता है, लेकिन उतना ही जितना जरूरी है। दिखावा उतना ही करवाता है, जिससे आप दूसरों का ध्यान आकर्षित कर सकें।

अग्नितत्त्व का महत्त्व

ब्यूटी पार्लर का मुख्य कार्य सजा संवार कर सौंदर्य प्रदान करना यानी रूप निखारना होता है। यह कार्य सीधे अग्नि तत्त्व का है, इसलिए अग्नि की दिशा और अग्नि के सामान सही जगह होनी चाहिए ताकि रूप निखारने का कार्य सही ढंग से किया जा सके।

ग्राहक संतुष्टि

किसी भी बिजनस की सफलता सीधे कस्टमर सेटिस्फेक्शन से जुड़ी होती है। इसके लिए जरूरी है ब्यूटी पार्लर में दक्षिण-पश्चिम ( South West ) दिशा का साफ-सुथरा एवं सुंदर रहना। यह भी पाया गया है कि किसी पार्लर में कुशल स्टाफ और पूरे साधन होने के बावजूद महिलाएं या लड़कियां वहां से सुंदर की बजाय भद्दी बनकर निकलती हैं। इसकी वजह काम में खामी नहीं, बल्कि हुनर की कारक दिशा दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण का खराब होना। इसे साफ-सुथरा रखना तो जरूरी है ही, साथ ही इस दिशा में मेकअप में यूज़ होने वाला सामग्री के साथ ही टूलकिट रखना भी बहुत जरूरी है।