
जगमोहन शर्मा/जयपुर। भारत में 75 बिलियन बैरल से ज्यादा के तेल संसाधन मौजूद हैं। तेल और गैस विकास के सबसे मजबूत वाहक हैं और ये भारत की आत्मनिर्भर यात्रा में सहयोगी साबित होंगे। यह कहना है मेटल किंग के नाम से मशहूर वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का। उन्होंने राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में तेल, गैस, खनिज, स्टोन आदि इंडस्ट्री की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। अग्रवाल ने तेल उत्पादन में राजस्थान को दुनिया के एनर्जी मैप पर चमकता सितारा बताया।
सवाल: महंगे र्ईंधन और इसके बढ़ते आयात को कैसे कम किया जा सकता है
जवाब: ईंधन के बढ़ते आयात को कम करना बेहद जरूरी है। हम 25 डॉलर प्रति बैरल का तेल 80 डॉलर में खरीद रहे हैं, जबकि देश में 200 बिलियन डॉलर का ऑयल रिजर्व मौजूद हैं। देश की एनर्जी सिक्योरिटी तय करने में बाड़मेर खास भूमिका निभा रहा है, यहां कंपनी लगातार निवेश कर अपना उत्पादन बढ़ा रही है। बड़ी कंपनियां तेल खोज में आएंगी, तो निश्चित ही आयात पर निर्भतरता घटेगी।
सवाल: हिंदुस्तान जिंक और केयर्न एनर्जी में कितना नया निवेश करेंगे...
जवाब: राजस्थान हमेशा हमारा पसंदीदा निवेश स्थल रहा है, यहां कंपनी हिंदुस्तान जिंक और केयर्न एनर्जी में 40 हजार करोड़ से ज्यादा नया निवेश करने जा रही है, जिसके तहत अगले नौ माह में प्रॉडक्शन शुरू कर दिया जाएगा, इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
सवाल: भारत में सेमीकंडक्टर चिप के निर्माण का क्या स्कोप है...
जवाब: भारत में वैश्विक बाजारों के लिए सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन और चिप के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनने की जबरदस्त क्षमता है। केंद्र सरकार भी इसके प्रोत्साहन के लिए व्यापाक नीति बना रही है। राजस्थान में इस तरह की इंडस्ट्री के लिए बड़ा स्कोप है, हम भी इस क्षेत्र में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। आने वाले दिनों में राजस्थान के अंदर इस सेक्टर से 15 बिलियन डॉलर का निवेश आ सकता है।
सवाल: खनिज उत्पादन में राजस्थान में क्या संभावनाएं देखते हैं...
जवाब: राजस्थान खनिज के मामले में देश में सबसे आगे है। ऐसे में यहां खदानों के ऑक्शन से औद्योगिक विकास तेज हो सकता है। आयात होने वाले लगभग सभी खनिज राजस्थान में उपलब्ध हैं। इन खनिज भंडारों के दोहन से आयात पर खर्च का 63 फीसदी राजस्व राजस्थान को मिल सकता है।
सवाल: राजस्थान में सिल्वर पार्क की संभावनाओं पर आपकी क्या राय है
जवाब: हिन्दुस्तान जिंक आज दो लाख करोड़ की कंपनी बन गई है, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चांदी उत्पादन में कितनी संभावनाएं हैं। सिल्वर पार्क के बारे में हमारी राज्य सरकार से चर्चा हुई है, इसके लिए सब्सिडी पर जमीन की आवश्कता होगी। प्रदेश में सिल्वर पार्क बनने से यहां 5 करोड़ से लेकर 500 करोड़ तक की सिल्वर यूनिटें लगाई जा सकेंगी।
सवाल: पीएसयू कंपनियों के निजीकरण में वेदांता की रणनीति क्या है
जवाब: हम भारत में बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान कॉपर जैसी सरकारी कंपनियों के निजी करण की तरफ देख रहे हैं, हालांकि अभी इस पर टीम काम कर रही हैं। किसी लोकतांत्रिक देश में सरकार कारोबार नहीं कर सकती। भारत में पीएसयू कंपनियों का निजीकरण एक शानदार कदम है।
सवाल: वेदांता स्पार्क में निवेश की क्या रणनीति रहेगी
जवाब: वेदांता स्पार्क में कंपनी 100 करोड़ निवेश कर रही है। इसमें हम स्टार्ट-अप्स के साथ साझीदारी से जुड़े कार्यक्रम चला रहे हैं। राजस्थान में स्टार्ट-अप्स अच्छा काम कर रहे हैं।
सवाल: कोविड के बाद भारत में निवेश के अवसरों को आप कैसे देखते हैं
जवाब: दुनिया चाहती ही नहीं कि भारत में निर्माण कार्य हो, वो सिर्फ भारत को एक बाजार बने रहना देना चाहते हैं। हमें इसी सोच को बदलनी है, क्योंकि भारत में बेशुमार अवसर हैं। भारत कोविड के प्रभाव से उभर रहा है।
सवाल: आने वाले सालों में राजस्थान की आर्थिक गतिविधियों पर आपके क्या विचार हैं...
जवाब: राजस्थान में उद्यमिता की मजबूत जड़े राज्य को एक आर्थिक केंद्र बना सकती है। राज्य पहले से ही एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहां हवाई अड्डे, होटल आदि का मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर है। राजस्थान की जनता स्वाभाविक रूप से मेहनती, सक्रिय और उदार है।
Published on:
19 Dec 2021 03:29 pm
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