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सचिन पायलट को जब नेताजी ने दी थी तीन राजनीतिक सीख

राजस्थान की राजनीति (rajasthan politics) में बिसात बिछाकर भले जादूगर के नाम से विख्यात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Cm Ashok Gehlot) ने बाजी मार ली हो लेकिन सचिन पायलट (Sachin Pilot) को राजनीति की सीख जो नेताजी ने दी थी। वह अभी भी सचिन पायलट के कलेजे बंद है। बात काफी पुरानी है। उस समय नेता जी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के लिए एक नारा लगा करता था...जिसका जलवा कायम है...उसका नाम मुलायम है।

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राजस्थान की राजनीति में बिसात बिछाकर भले जादूगर के नाम से विख्यात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाजी मार ली हो लेकिन सचिन पायलट को राजनीति की सीख जो नेताजी ने दी थी। वह अभी भी उनके कलेजे बंद है। बात काफी पुरानी है। उस समय नेता जी मुलायम सिंह यादव के लिए एक नारा लगा करता था...जिसका जलवा कायम है...उसका नाम मुलायम है।

इस जलवे को राजनीति में कैसे बरकरार रखा जाए यह बात उन्होंने संसद के गलियारे में सचिन पायलट को बताई थी। उन दिनों सचिन पायलट मंत्री हुआ करते थे और उनकी हनक और इकबाल की चर्चा चारो तरफ थी। एक बार जब नेताजी और सचिन पायलट आमने सामने आए तो वह सीधे पायलट से मुखातिब हुए।

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उसी दरम्यान राजनीतिक चर्चा हुए तो उन्होंने सचिन पायलट को राजनीतिक सीख देते हुए कहा कि बेटा राजनीति में चर्चा, पर्चा और खर्चा बराबर बरकरार रखना। यही आपको राजनीति में जिंदा रखेंगे और यही आपकी शोहरत भी होगी। इस पर सचिन पायलट कुछ समझ नहीं पाए तो उन्होंने विस्तार देते हुए कुछ इस तरह से बताया।

चर्चा
पार्टी के भीतर इतनी मेहनत करो की शीर्ष नेतृत्व पर आपकी चर्चा हर जिम्मेंदारी देने को लेकर हो। पार्टी के आलाकमान को जब भी कोई काम नजर आए तो सबसे पहले तुम्हारा नाम आए कि यह नेता इसके लिए बेहतर है।

पर्चा
अधिकारियों के गलियारे की बात हो या फिर आमजन की। इसमें मीडिया और अखबार बहुत मदद करते हैं। ऐसे में जब आपके संबंध पत्रकारों से बेहतर और जमीनी होंगे तो आप आए दिन बिना किसी खर्चे के हर विषय पर नजर आएंगे और जब आप नजर आएंगे तो फिर आमजन के दिल में बस जाएंगे।

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खर्चा
कार्यकर्ता पर खर्चा करने में कभी भी हाथ मत रोको क्योंकि वह बड़ी उम्मीद और अपनी पूरी ताकत के साथ आपके साथ लगते हैं ऐसे में जब आप उन्हें लाभ नहीं पहुंचा पाएंगे तो निश्चिम वह कोई दूसरा ठिकाना तलाश करेंगे।

सचिन पायलट पहुंचे सैफई
राजनीति की इस महती सीख के कारण आज सचिन पायलट मुख्यमंत्री हों या फिर किसी पद पर भी न हों लेकिन चर्चा, पर्चा और खर्चा का असर साफ देखने को मिलता है। सचिन पायलट आज उन्हीं नेता जी के अंतिम दर्शन करने सैफई पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले 11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सैफई पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।