
राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर मशक्कत चल रही है। इस बीच अंदरखाने कई विधायकों ने मंत्री पद के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है। ये विधायक न केवल आरएसएस से संपर्क साध रहे हैं, बल्कि दिल्ली में भी बड़े नेताओं को फोन कर अपना दावा मजबूत कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार प्रदेश में नए चेहरे को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में मंत्रिमंडल में भी कई नए चेहरों को शामिल करने की संभावना है। पार्टी यहां भी जातिगत समीकरणों को साधेगी। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उन चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है जिनसे चुनाव में ज्यादा फायदा मिल सके।
नए चेहरों को भी तवज्जो देने की बात
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सीएम चेहरा सामने आने के बाद मंत्रियों के चेहरे तय होंगे, लेकिन अनुभवी नेताओं के साथ नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में देखने को मिलेंगे। इनमें महिलाओं की भागीदारी भी पहले की भाजपा सरकार से ज्यादा होगी। केंद्र सरकार ने चुनाव में महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत करने का कानून बनाया है।
ये हैं पूर्व मंत्री
कालीचरण सराफ, श्रीचंद कृपलानी, वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, प्रताप सिंह सिंघवी, मदनलाल दिलावर, गजेन्द्र सिंह खींवसर, पुष्पेन्द्र सिंह राणावत, अजय सिंह किलक, जसवंत सिंह यादव सहित अन्य कई विधायक मंत्री रह चुके हैं। इनमें कई चेहरे ऐसे हैं जो संघ और संगठन दोनों के नजदीकी हैं, वहीं भजनलाल शर्मा, शैलेष सिंह, बाबा बालकनाथ नए चेहरे हैं, इनके समर्थक लॉबिंग में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार को भी जयपुर के दो विधायक संगठन के शीर्ष नेता व पदाधिकारियों मिले।
Published on:
08 Dec 2023 08:27 am
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