
जयपुर. आज के दौर में कई दंपती नौकरी और कामकाज के कारण घर से अलग और अकेले रहते हैं। इनमें से कई अकेलेपन के शिकार हो रहे हैं। जिसके कारण छोटी-छोटी बात को लेकर तकरार होने पर रिश्तों में दरार पड़ रही है। हालात यहां तक पहुंच रहे है कि वे साथ रहना भी पसंद नहीं कर रहे। पारिवारिक न्यायालय के अधिवक्ताओं के अनुसार कई दंपती तो विवाह के 3 से 4 महीने बाद ही अलग हो रहे हैं। दरअसल कुछ वर्षों में महिलाओं की वित्तीय आत्मनिर्भरता बढ़ गई है। इसके अलावा घर में होने वाली नोकझोंक या झगड़ा होने पर पति-पत्नी का अहम आपस में टकराने लगता है और वे तुरंत अलग होने का निर्णय ले लेते है।
यह कहती है रिपोर्टआईजेसीआरटी ऑर्गेनाइजेशन की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार 25-29 वर्षीय जोड़ों के बीच में 4.8 फीसदी और 30 से 34 वर्षीय जोड़ों के बीच 15.2 फीसदी तक तलाक दर बढ़ी है। ईपीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में तलाक की दर 11.2 प्रतिशत है। राजधानी के वकीलों के पास भी रोजाना दो से तीन नव-विवाहित जोड़ों के अलग होने के मामले आ रहे हैं।
ऑफिस का तनाव घर तक पहुंच रहा
आजकल अधिकांश दंपती कामकाजी होते हैं। जब वे घर आते हैं तो ऑफिस का तनाव आपसी झगड़े के रूप में सामने आता है। अहम इतना ज्यादा बढ़ गया है कि कोई झुकने को तैयार नहीं होता। घर के काम-काज को लेकर झगड़ा होता है। कुछ मामलों में दंपती एक दूसरे को समय नहीं दे पाते... विचार नहीं मिलने पर वे तुरंत अलग होने का निर्णय ले लेते है।
- अंशुल गोयल, अधिवक्ता, पारिवारिक न्यायालय
धैर्य हो रहा कम
नवविवाहित जोड़ों में धैर्य कम है। तलाक पहले भी होते थे, लेकिन पहले इतने कम समय में नहीं हुआ करते थे। आजकल तो बस थोड़ी अनबन हुई और अलग हो जाते हैं। घरवालों की तरफ से भी साथ रहने का दबाव नहीं डाला जाता। महिलाएं भी अब आर्थिक तौर पर सक्षम हैं। उन्हें पता है अलग भी होंगे तो भी उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी।- प्रियंका आचार्य, अधिवक्ता, पारिवारिक न्यायालय
Published on:
07 Oct 2023 01:07 am
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