
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का क्रेज, स्पेशल मूवमेंट कैद करने को घंटों करते इंतजार
जयपुर. सैलानियों के लिए प्रदेश के जंगलों में घूमने का रोमांच एक तरफ, लेकिन अब लोगों में वन्य जीवों की फोटोग्राफी करने की दीवानगी भी ट्रेंड बन गई है। सेलिब्रिटी भी इस क्रेज से अछूते नहीं हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि जयपुर और प्रदेश के अन्य अभ्यारण्यों में सैलानी घंटों वन्यजीवों के दुर्लभ क्षणों को कैमरे में कैद करने का इंतजार करते हैं। इसके लिए लोग सैकड़ो किमी की यात्रा से भी परहेज नहीं कर रहे। झालाना लेपर्ड रिजर्व, रणथम्भौर नेशनल पार्क, सरिस्का टाइगर रिजर्व, केवला देव नेशनल पार्क समेत अन्य अभ्यारण्यों में इन दिनों यह नजारा आम है। प्रतिदिन यहां सैकड़ों लोग आते हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का चलन बीते कुछ वर्षों में बढ़ा है। हर उम्र के लोग इसमें रुचि ले रहे हैं।
झालाना से अफ्रीका तक सफर
परिवहन निरीक्षक पद पर सिरोही में कार्यरत सुरेंद्र चौहान ने झालाना जंगल से 2013 में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी शुरू की। चौहान रणथम्भौर, झालाना, सरिस्का, पन्ना टाइगर रिजर्व, जिम कॉर्बेट समेत देशभर के प्रमुख नेशनल पार्क में फोटोग्राफी कर चुके हैं। इसके अलावा फोटोग्राफी के लिए वे दो बार अफ्रीका भी जा चुके हैं। अपनी तस्वीरों की एग्जिबिशन भी लगा रहे हैं।
शूट के लिए फुल डे बुकिंग
झालाना जंगल के रेंजर जनेश्वर चौधरी ने बताया कि ज्यादातर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सुबह-शाम की सफारी के दौरान आते हैं। कुछ लोग शूट करने के लिए अलग से स्वीकृति लेकर आ रहे हैं। इसके लिए वे सफारी में उपयोग होने वाले वाहन का शुल्क भी सामान्य की तुलना में चार गुना अधिक चुका रहे हैं। रणथम्भौर और सरिस्का में भी यही हाल है।
Published on:
30 May 2023 11:20 pm
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