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अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद पर लटकी तलवार

राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का विधायकों द्वारा बहिष्कार सीएम अशोक गहलोत को भारी पड़ सकता है। गहलोत ने जयपुर के घटनाक्रम के लिए सोनिया गांधी से भले माफी मांग ली हो, लेकिन अब उनके सीएम पद पर भी तलवार लटक गई है।

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jaipur

Rajasthan CM Ashok Gehlot

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का विधायकों द्वारा बहिष्कार सीएम अशोक गहलोत को भारी पड़ सकता है। गहलोत ने जयपुर के घटनाक्रम के लिए सोनिया गांधी से भले माफी मांग ली हो, लेकिन अब उनके सीएम पद पर भी तलवार लटक गई है। गहलोत ने खुद कहा कि उनके सीएम रहने या नहीं रहने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया करेंगी। संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने साफ कर दिया कि अगले दो दिन में सीएम पर फैसला हो जाएगा।

गहलोत ने राहुल गांधी को मनाने में विफल होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। आलाकमान ने उन्हें एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत मानने को कहा। जिससे उनके नामांकन से पहले नए सीएम का नाम तय करने के लिए 25 सितंबर को सीएमआर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई। गहलोत गुट के विधायकों को लगा कि सचिन पायलट को सीएम बनाने का प्रस्ताव लेने के लिए बैठक बुलाई गई है। उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया। स्पीकर को इस्तीफे सौंप दिए।

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कांग्रेस के पास विकल्प:
1. पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव होने व सब कुछ सामान्य होने तक गहलोत ही सीएम रहें।
2. विधायक दल की फिर से बैठक बुला व्यक्तिगत राय ली जाए, कांग्रेस अध्यक्ष पर फैसला छोड़नेे का प्रस्ताव पारित हो।
3. विधायकों की रायशुमारी में पायलट के नाम पर सहमति नहीं बनी तो गहलोत गुट से अन्य नेता को सीएम बनाया जाए।

सोनिया से एक घंटे चर्चा के बाद...

तीनों नेताओं पर सख्त कार्रवाई के संकेत:
गहलोत के सिपहसालार राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी व आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस दिए जा चुके हैं। अब उनके जवाब का इंतजार है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी तीनों नेताओं पर सख्त कार्रवाई के मूड में दिख रही है।

सोनिया से करीब डेढ़ घंटे हुई बात:
इस प्रकरण में गहलोत के खास सिपहसालार दो मंत्रियों व एक अन्य नेता को कारण बताओ नोटिस भी दिए गए। गुरुवार को गहलोत को तलब कर सोनिया ने करीब डेढ़ घंटे उनसे बात की। सोनिया ने इस बात पर नाराजगी जताई कि इससे पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ है कि विधायक दल की बैठक का विधायक बहिष्कार करें और पार्टी लाइन को मानने से इनकार कर दें। गहलोत ने इसकी जिम्मेदारी स्वयं ले ली। इसके बावजूद उनके सीएम पद पर बना रहना अब मुश्किल दिख रहा है। सूत्रों का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा और पार्टी अध्यक्ष चुनाव के बीच इस घटनाक्रम से पार्टी की फजीहत हुई है। ऐसे में पार्टी सख्त कार्रवाई कर संदेश देना चाहती है।

वफादार सिपाही के रूप में काम किया...
गहलोत ने पत्रकारों से सोनिया से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, मैंने उनसे पूरी बात कही। कहा कि 50 साल से इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, नरसिम्हा राव के दौरान पार्टी के वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। पार्टी ने कई जिम्मेदारी दी। केंद्रीय मंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, तीन बार सीएम बनाया। इसके बावजूद दो दिन पहले हुई घटना ने मुझे हिलाकर रख दिया। घटना से देश में गलत संदेश चला गया कि मैं सीएम बने रहना चाहता हूं, इसलिए सबकुछ हो रहा है।