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कड़ाके की सर्दी ने बढ़ाई फीणी की मांग, व्यापारियों के खिले चेहरे… महंगाई को दिखाया अंगूठा

संक्रांति के अवसर पर राजधानी जयपुर में गजक और फीणी के व्यंजन बनाने वाले मिष्ठान भंडारों पर भी भारी भीड़ नजर आ रही है।

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कड़ाके की सर्दी ने बढ़ाई फीणी की मांग, व्यापारियों के खिले चेहरे... महंगाई को दिखाया अंगूठा

कड़ाके की सर्दी ने बढ़ाई फीणी की मांग, व्यापारियों के खिले चेहरे... महंगाई को दिखाया अंगूठा

संक्रांति के अवसर पर राजधानी जयपुर में गजक और फीणी के व्यंजन बनाने वाले मिष्ठान भंडारों पर भी भारी भीड़ नजर आ रही है। माना जाता है कि संक्रांति पर तिल और फीणी के मिश्रण को भोजन के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए यह शुभ होने के साथ—साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा रहता है। इसलिए संक्रांति के अवसर पर शहर में तिल के लड्डू और फीणी की अच्छी मांग रहती है। व्यापारी भी पहले से ही संक्रांति की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस बार सर्दी ज्यादा पड़ने के कारण गजक, तिल के लड्डू ,फीणी की बाजार में जोरदार मांग है। ज्यादातर लोग तिल के लड्डू घरों में ही बनाते हैं, लेकिन गजक, रेवड़ी, फीणी बाजार से खरीदते हैं।

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फीणियों के दामों में 20 से 40 रुपए तक की वृद्धि

फीणी, गजक और तिल मिष्ठान के व्यवसाय से जुड़े व्यापारीयों का कहना है कि पिछले सालों की तुलना इस साल फीणियों के दामों में 20 से 40 रुपए तक की वृद्धि हुई है, लेकिन इसका बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। बाजार में सादा, केसर और दूध की फीणी तैयार हो रही हैं। देशी घी से निर्मित फीकी फीणी 650 रुपए, देशी घी की मीठी फीणी 550 रुपए, वनस्पति घी से निर्मित फीकी फीणी 180 रुपए और मीठी फीणी 150 रुपए प्रति किलोग्राम भाव में बिक रही है। गजक, तिल के लड्डू और रेवड़ी भी बाजार में 350 से 500 रुपए प्रति किलो में उपलब्ध है। तिल के व्यंजनों में भी करीब 5 से 10 फीसदी का पिछले साल की तुलना में इजाफा हुआ है।

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यहां बनती है फीणी

जयपुर में गोपालजी का रास्ता, हनुमानजी का रास्ता, हल्दियों का रास्ता, घी वालों का रास्ता में फीणी की दुकानें उपलब्ध है।

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दान—पुण्य का विशेष महत्व

मकर संक्रांति पर दान—पुण्य के साथ 14—14 वस्तुएं कळपने का विशेष महत्व है, इसे लेकर बाजार में कळपने के सामानों की दुकानों पर भीड़ रही। पुरोहितजी का कटला, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार में दुकानों पर कळपने के सामान खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही।