
जयपुर। बाल कल्याण समिति के आदेश पर शेल्टर होम में करीब डेढ़ माह से रह रहे बच्चों के बारे में जानकारी जुटाने करणी विहार थाने पहुंची महिला ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि पुलिस ने उसकी मदद करने की बजाय मारपीट कर कपड़े फाड़ दिए।
रविवार को महिला अर्धनग्न हालत में पत्रिका कार्यालय पहुंची और पीड़ा बताई। महिला का कहना है कि पुलिस यह भी नहीं बता पा रही है कि उसके बच्चों को शेल्टर होम में क्यों रखा जा रहा है। उधर, पुलिस ने मारपीट की घटना से इनकार किया है
पीड़िता ने रोते हुए कहा कि वह बरसों से एक लड़की को बेटी की तरह पाल रही है। जब वह लड़की पांच साल की थी तभी उसके माता-पिता ने उसे सौंप दिया था। कहा था कि वो ही उसकी देखभाल करे और पढ़ा-लिखा बड़ा अधिकारी बनाए। अब वह लड़की 16 साल की हो गई है। उसके खुद के दो पुत्र भी हैं।
एक पांच साल का और दूसरा सात का है। पुलिस तीनों को ही 18 नवंबर को अपने साथ ले गई। जब वह थाने पहुंची तो पता चला कि बच्चे शेल्टर होम में हैं। इस पर वह शेल्टर होम पहुंची। वहां बताया कि करणी विहार थाने से ही सही जानकारी मिल सकती है। इस पर वह शनिवार शाम थाने पहुंची जहां उसके साथ अभद्रता की गई।
महिला का आरोप है कि वह फटे हुए कपड़ों में थाने से बाहर आई। इस दौरान लोगों ने उसकी मदद करने की बजाय वीडियो बनाए। जब पीड़िता पत्रिका कार्यालय पहुंची तो महिला रिपोर्टर ने उसे कपड़े पहनने को दिए।
उधर, पुलिस का कहना है कि कॉलोनी में रहने वालों ने शिकायत की थी कि महिला ने बच्चों को जबरन घर में रखा है। इस पर चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम गई थी। टीम तीनों बच्चों को अपने साथ ले गई। महिला दस्तावेज दिखाकर बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन से ले जा सकती है।
Published on:
13 Jan 2025 09:26 am
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