
AI जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर
जयपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रेन के आगे छलांग लगाकर जान देने वाले युवक-युवती की शिनाख्त हो गई। पुलिस ने प्रथम दृष्टया मामला प्रेम प्रसंग का माना है। सोमवार को दोनों के परिजन के पहुंचने पर एसएमएस अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव उनके सुपुर्द कर किए गए। दोनों ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
अशोक नगर थाना पुलिस ने बताया कि मृतक मनीष कुमार करौली के टोडाभीम का रहने वाला था, जबकि युवती उसी के समाज की जयपुर निवासी थी। युवक की बुआ जयपुर में रहती है। जयपुर में बुआ के घर आने-जाने के दौरान युवती से जान-पहचान हो गई थी। हालांकि परिजन ने दोनों के आपस में संबंध होने से इनकार किया है।
युवक टोडाभीम से बुआ के घर जाने की कहकर आया था, जबकि चार जुलाई को दिन में युवती भी घर से निकली थी। रात तक नहीं लौटी तो परिजन ने मालवीय नगर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। दोनों चार जुलाई की देर रात दिल्ली से जयपुर आ रही ट्रेन के आगे आ गए। ट्रेन चालक ने बताया कि युवक-युवती, दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर ट्रेन के आगे आ गए थे।
समाज में बढ़ती जा रही आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गेटकीपर कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके मास्टर्स ट्रेनर्स के लिए राजधानी में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हुआ।
एनएचएम, यूनिसेफ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हैल्थ एंड न्यूरो साइंसेज, बेंगलूरु के तत्वावधान में सीफू में हुई इस ट्रेनिंग के प्रथम चरण में जिला अस्पतालों में संचालित मनोचिकित्सा केंद्रों के जिला नोडल अधिकारियों ने मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण लिया। निदेशक (जनस्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने कार्यक्रम की आगामी क्रियान्विति के बारे में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर्स अपने जिलों के लिए सजग गेटकीपर का चयन करेंगे जिन्हें आवश्यक ट्रेनिंग के बाद आत्महत्या या सुसाइड जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिये गेटकीपर कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी।
जॉइंट डायरेक्टर (हॉस्पिटल प्रशासन) डॉ. ओ पी शर्मा और स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. सांवर मल स्वामी ने कार्यशाला को संबोधित किया।
Updated on:
09 Jul 2025 04:34 pm
Published on:
08 Jul 2025 09:48 am
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