
आपकी बात - बरगद का पेड़ संयुक्त परिवार, बच्चों को मिलते संस्कार
एकता ही परिवार की असली पहचान है। परिवार के साथ रहने से हमें आत्मबल के साथ ही जिम्मेदारी उठाने का साहस मिलता है। कई बार तो कुछ न करते हुए भी सब कुछ हो जाता है। संयुक्त परिवार में रहकर बच्चों की परवरिश भी आसानी से और बेहतर तरीके से हो जाती है। सयुंक्त परिवार में खुशियां दोगुनी तो होती हैं ही, गम भी आधे हो जाते हैं। परिवार बरगद के पेड़ की तरह होता है, मजबूती से खड़ा हुआ एक दूसरे को थामे हुए। सयुंक्त परिवार में रहने वाले लोग ज्यादा खुश रहते हैं, बच्चों की असुरक्षा, अकेलेपन जैसी समस्याएं पैदा नहीं होती।
शिखा जैन
संयुक्त परिवार रहने के कई फायदे हंै जैसे कि घर में छोटे बच्चे हैं तो उनको दादा-दादी से लेकर परिवार के अन्य बड़ों का भी भरपूर प्यार मिलता है। इतना ही नहीं बच्चों की परवरिश भी आसान हो जाती है। कभी कोई आर्थिक परेशानी आती है, तो परिवार के सभी सदस्य मिलकर उसे दूर करते हैं। परिवार की महिला सदस्यों पर काम का दबाव कम होता है, क्योंकि सभी मिलकर काम कर लेती हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि संयुक्त परिवार में बच्चों की सुरक्षा बनी रहती है और बच्चों में संस्कार विकसित होते हैं, जो आज कम होते जा रहे हैं।
कविता साहू
Published on:
27 Mar 2024 06:34 pm
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