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यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता…कोई तुमसा नज़र नहीं आता…

जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में शनिवार की शाम मारूफ़ गज़ल सरा जसविंद्र सिंह ने अपनी बेहतरीन गज़लों से रोशन कर दी। उन्होंने शानदार गज़ल गायकी से तमाम सामेईन की खूब वाह-वाही लूटी।

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यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता...कोई तुमसा नज़र नहीं आता...

यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता...कोई तुमसा नज़र नहीं आता...

राजेंद्र शर्मा। अमज़द हैदराबादी की गज़ल के अल्फाज़ और उस पर बेहतरीन सुर-सज्जा के साथ मशहूर गज़ल गायक जसविंद्र सिंह का पेश करने का अंदाज़ ने जो समां बांधा कि जयपुर के सामेईन वाह-वाह कर उठे। शनिवार शाम जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में जेकेके और राजस्थान उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 'गज़ल उसने छेड़ी' प्रोग्राम ने शनिवार की शाम हसीन बना दी।
जसविंद्र की रेशमी आवाज़ का जादू सामेईन के सिर चढ़कर बोला। हर शेर और उसकी बेहतरीन प्रस्तुति पर उन्होंने खूब दाद लूटी। उन्होंने मिर्ज़ा ग़ालिब, कैफ़ी आज़मी सहित कई मशहूर शायरों की गज़लें पेश कीं।
हरेक बात पे कहते हो कि तू क्या है... की प्रस्तुति के दौरान उनकी आलाप अदायगी पर खूब वाह-वाही लूटी।
जसविंद्र ने कैफ़ी आज़मी की गज़ल 'इतना तो ज़िंदगी में किसी की खलल पड़े...हंसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े...' की खूबसूरत प्रस्तुति से सामेईन को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मिर्ज़ा ग़ालिब की गज़ल 'नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने...क्या बने बात जहाँ बात बनाए न बने' और 'कोई उम्मीद बर नहीं आती...कोई सूरत नज़र नहीं आती' के साथ ही कई उम्दातरीन गज़लों को बेहतरीन अंदाज़ में पेश कर जयपुर राइट्स का दिल जीत लिया।
उनकी गायकी में चार चांद उनके साथ बैठे मौसीकी के उस्तादों ने लगा दिए। क्या संतूर, क्या वायलिन, क्या गिटार और तबले की संगत ने भी खूब दाद लूटी।
जसविंद्र ने उन्हें जयपुर बुलाने के लिए जवाहर कला केंद्र और राजस्थान उर्दू अकादमी का शुक्रिया अदा किया। अकादमी के सचिव मोअज्ज़म अली ने बताया कि शुरूआत में मशहूर शायर शीन काफ़ निज़ाम, कलेक्टर जगरूप सिंह यादव और रेनु सिंह ने शमां रोशन की और जसविंद्र का स्वागत करके की।