
किसानों को सिंचाई में आत्मनिर्भर बनाने और डीजल व बिजली पर निर्भरता घटाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कुसुम योजना के कंपोनेंट बी के तहत जिले में 3500 सौर ऊर्जा पंप लगाए जाएंगे। इन पंपों पर किसानों को साठ प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा, जबकि शेष चालीस प्रतिशत राशि किसान को वहन करनी होगी। वित्तीय वर्ष 2025-25 के लिए जिले को सामान्य श्रेणी में 2720,.अनुसूचित जाति में 700 और अनुसूचित जनजाति में अस्सी सौर पंपों का लक्ष्य मिला है। पंप संयंत्र तीन, पांच, साढ़े सात और दस हार्स पावर क्षमता के होंगे। सौर ऊर्जा की संभावनाओं को देखते हुए उद्यान विभाग किसानों को इस योजना के प्रति जागरूक कर रहा है। पात्रता के अनुसार किसान के पास न्यूनतम शून्य दशमलव चार हेक्टेयर कृषि भूमि होना आवश्यक है। भूमि की प्रमाणित जमाबंदी छह माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। साथ ही कुआं, नलकूप, डिग्गी या फार्म तालाब जैसे जलस्रोत का होना अनिवार्य है। खेत पर पहले से विद्युत कनेक्शन नहीं होने का प्रमाण पत्र भी आवश्यक होगा। किसान को अनुमोदित फर्मों में से एक का चयन करना होगा। ई-मित्र केंद्रों या राज किसान पोर्टल के माध्यम से किसान स्वयं आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की जांच के बाद तकनीकी सर्वे रिपोर्ट सही पाए जाने पर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। इसके बाद किसान को अपनी हिस्सेदारी की राशि उपनिदेशक उद्यान कार्यालय में डिमांड ड्राफ्ट या आरटीजीएस के माध्यम से जमा करनी होगी। राशि जमा होने के बाद संबंधित फर्म को पंप स्थापना का आदेश जारी किया जाएगा।.सौर पंपों से सिंचाई की लागत घटेगी, डीजल और बिजली की आवश्यकता समाप्त होगी और किसान दिन के समय बेहतर सिंचाई कर पाएंगे। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक से उन्नत कृषि और उद्यानिकी फसलों का उत्पादन संभव होगा।
Published on:
14 May 2025 08:39 pm
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