Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bus Fire: ‘कब आएंगे पापा…?’ मां से बार-बार पूछ रहे बच्चे, 3 महीने पहले ही प्रमोशन होने पर बाड़मेर से जैसलमेर आए थे जितेंद्र

एम्स अस्पताल से जब जितेंद्र का शव उनके घर लाया गया तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। पत्नी शव देखते ही बार-बार बेहोश हो गईं। छोटे-छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था।

less than 1 minute read
Google source verification

जितेश चौहान अपने परिवार के साथ (फाइल फोटो: पत्रिका)

जोधपुर में हुए भीषण बस हादसे ने एक खुशहाल परिवार की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। इस दर्दनाक हादसे में जितेंद्र (जितेश) चौहान की मौत हो गई। जितेंद्र मूल रूप से जोधपुर के प्रताप नगर के रहने वाले थे और इस समय अपने परिवार के साथ नेहरू कॉलोनी, डाली बाई सर्कल के पास रहते थे।

प्रमोशन के बाद नई जगह पोस्टिंग

करीब तीन महीने पहले ही जितेंद्र को प्रमोशन मिला था और उनकी पोस्टिंग बाड़मेर से जैसलमेर कर दी गई थी। कुछ दिन पहले उनकी पत्नी नीतू चौहान और बच्चे (बेटा मानस और बेटी कियारा) भी आए थे। जितेंद्र दो दिन के लिए अपने परिवार से मिलने पहुंचे भी थे लेकिन इसके बाद वापस ड्यूटी पर चले गए। किसे पता था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी।

पापा कब आएंगे…?

हादसे की खबर जैसे ही परिवार तक पहुंची घर में मातम छा गया। बेटे–बेटी बार-बार मां से पूछते रहे – 'पापा कब आएंगे?' पर अब उनका यह सवाल हमेशा के लिए अधूरा रह गया। नीतू चौहान पति की यादों में डूबी लगातार रो रही हैं। रिश्तेदार और पड़ोसी भी इस दर्दनाक घटना से बेहद दुखी हैं।

अंतिम संस्कार में मचा कोहराम

एम्स अस्पताल से जब जितेंद्र का शव उनके घर लाया गया तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। पत्नी शव देखते ही बार-बार बेहोश हो गईं। छोटे-छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम संस्कार के दौरान घर में चीख-पुकार मच गई और हर किसी की आंखें नम हो गईं।