24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

JAISALMER PATRIKA NEWS- जैसलमेर के इस शहर का कारोबार हुआ ठप, जानिए इसके पीछे है यह बड़ा कारण

कारोबार हुआ प्रभावित... ग्रेनाइट उत्पादन में बैरन बनी बिजली, खनन से जुड़े कारोबार को झटका तो रोजगार में भी कमी

3 min read
Google source verification
Jaisalmer patrika

patrika news

नहीं हो रही पर्याप्त वॉल्टेज के साथ विद्युत आपूर्ति
पोकरण. क्षेत्र के सनावड़ा गांव में पर्याप्त वॉल्टेज व गुणवत्ता के साथ विद्युत आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रेनाइट उत्पादन कार्य प्रभावित हो रही है। ऐसे में खनन व्यवसाइयों को नुकसान हो रहा है तथा नई खनन इकाइयां शुरू नहीं होने से क्षेत्र में रोजगार व विकास में भी कमी आ रही है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के सनावड़ा गांव में प्रचूर मात्रा में ग्रेनाइट के भण्डार है। यहां 150 से अधिक लोगों की ओर से यहां ग्रेनाइट क्षेत्र में जमीन खरीदकर ग्रेनाइट निकालने के लिए खनन विभाग से लीज स्वीकृति मांगी गई थी, लेकिन क्षेत्र में विद्युत जीएसएस नहीं होने के कारण 10 प्रतिशत लोगों की ओर से ही खनन कार्य चालू किया गया है। यहां पर्याप्त वॉल्टेज के साथ बिजली नहीं मिलने के कारण करीब 10 खान मालिक विद्युत संचालित मशीनों से काम करते है, जबकि पांच खान मालिक अपने स्वयं के जनरेटर चलाकर ग्रेनाइट निकालने का कार्य करते है, जो उन्हें काफी महंगा पड़ता है। जिन खानों पर विद्युत कनेक्शन दिए गए है, उन्हें भी पर्याप्त मात्रा में विद्युत वॉल्टेज नहीं मिलने के कारण आए दिन मशीनें जलने से उन्हें भी खासा नुकसान हो रहा है।
क्या है रेड ग्रेनाइट
-सनावड़ा की खानों से निकलने वाला ग्रेनाइट रेड ग्रेनाइट के नाम से पत्थर, मार्बल व ग्रेनाइट मंडियों में जाना जाता है, जिसकी देश विदेश में पर्याप्त मांग है।
-यह ग्रेनाइट लाल व गुलाबी रंग में निकलता है, जो देखने में अतिसुंदर ग्रेनाइट है।
-यहां चल रही ग्रेनाइट की खानों में निकाला जा रहा ग्रेनाइट का एक ब्लॉक 25 से 30 हजार रुपए में बिक रहा है।

जीएसएस लगे, तो बढेगा उत्पादन
क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में ग्रेनाइट के भण्डार है। जनरेटर चलाकर पत्थर के ब्लॉक निकलना काफी महंगा पड़ता है। पर्याप्त वॉल्टेज के साथ विद्युत आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रेनाइट उत्पादन की कई इकाइयां बंद पड़ी है। यदि सनावड़ा में 32 केवीए जीएसएस लगाया जाता है, तो यहां ग्रेनाइट उत्पादन का कार्य निश्चित रूप से बढ़ सकता है, जिससे लोगों को रोजगार मिल सकता है।
-लखसिंह भाटी, ग्रेनाइट खान मालिक, सनावड़ा

की जा रही है कार्रवाई
गत माह अधीक्षण अभियंता की ओर से विद्युत उपभोग की वास्तविकता की जांच कर जीएसएस के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। शीघ्र ही विद्युत उपभोग की वस्तुस्थिति की जांच कर आवश्यकता होने पर जीएसएस के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए जाएंगे।
-हनुमानराम चौधरी, सहायक अभियंता डिस्कॉम, पोकरण।

IMAGE CREDIT: patrika

पर्याप्त वॉल्टेज के साथ नहीं हो रही है विद्युत आपूर्ति
सनावड़ा स्थित ग्रेनाइट क्षेत्र में वर्तमान में सांकड़ा स्थित जीएसएस से विद्युत आपूर्ति की जाती है। 12 किमी लम्बी व पुरानी विद्युत लाइन होने तथा इसी लाइन पर जलदाय विभाग के करीब आधा दर्जन नलकूप जुड़े, सनावड़ा गांव व आसपास की ढाणियों को भी इसी विद्युत लाइन से आपूर्ति किए जाने के कारण खानों पर पर्याप्त वॉल्टेज नहीं मिल पा रहा है तथा विद्युत की आंखमिचौनी के कारण भी उन्हें परेशानी हो रही है। ग्रेनाइट कटिंग की मशीन को 400 से 425 वॉल्टेज विद्युत की आवश्यकता होती है। जबकि यहां मात्र 300 से 350 वॉल्टेज ही मिल पा रहा है। ऐसे में आए दिन मशीनें जलकर खराब हो रही है।
शुरू नहीं हो रही है नई खानें
गौरतलब है कि गत एक माह पूर्व राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री को ग्रामीणों व खान मालिकों की ओर से सनावड़ा गांव में ग्रेनाइट के प्रचूर भण्डार होने तथा ग्रेनाइट खनन कार्य को बढावा देने के लिए गांव में पर्याप्त वॉल्टेज के साथ विद्युत आपूर्ति के लिए जीएसएस स्थापित करने की मांग की गई थी। जिस पर उनकी ओर से इस संबंध में विद्युत निगम के उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता जैसलमेर की ओर से अधिशासी अभियंता पोकरण को छह दिसम्बर 2017 को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाने के निर्देश भी दिए गए थे। बावजूद इसके अब तक यहां जीएसएस लगाने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। ऐसे में पर्याप्त वॉल्टेज के अभाव में नई खानों को शुरू करना मुश्किल हो रहा है।