जैसलमेर

सिस्टम में फॉल्ट: नौतपा में विद्युत व्यवधान, झुलस रहा जनजीवन

तपती रेत, लू के थपेड़े और ऊपर से बिजली की आंख-मिचौली। नौतपा के इन भीषण दिनों में जैसलमेर के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं।

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May 29, 2025

तपती रेत, लू के थपेड़े और ऊपर से बिजली की आंख-मिचौली। नौतपा के इन भीषण दिनों में जैसलमेर के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तरफ  बाहर लू का कहर है तो दूसरी तरफ  घरों में उमस और पसीने की बेहाल कर देने वाली स्थिति। शहर की गली-गली में लोग परेशान हैं, लेकिन विद्यु तंत्र की कथित नाकामी स्थिति को और गंभीर बना रही है। स्वर्णनगरी के अधिकांश इलाकों में दिन में 4 से 6 घंटे तक बिजली गुल हो रही है। कहीं बार-बार ट्रिपिंग हो रही है तो कहीं घंटों तक लाइट नहीं आती। जैसे-जैसे तापमान 45 डिग्री या उसके पार पहुंचता है, वैसे-वैसे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ जाती है।

पंखा भी है, लेकिन हवा नहीं... एसी है पर कूलिंग नहीं

शहर का ऐतिहासिक सोनार किला हो या गांधी कॉलोनी, गोपा चौक हो या फिर कोर्ई और जगह...रोजाना घंटों बिजली कटौती हो रही है। दोपहर की चिलचिलाती धूप के बाद जब लोग घर लौटते हैं तो राहत की जगह बिजली गुल मिलने पर तनाव और थकान और बढ़ जाती है।
गृहणी कमला देवी बताती है कि बच्चे दिन में ठीक से सो नहीं पा रहे। रात को भी कभी-कभी दो-दो घंटे लाइट चली जाती है। कूलर-फ्रिज सब खिलौने बने हुए हैं। गर्म पानी पीना पड़ रहा है, नींद पूरी नहीं होती और काम पर भी थकान रहती है।

जिम्मेदारों का तर्क- बढ़ रहा लोड

विद्युत महकमे के अधिकारियों का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया है। ओवरलोडिंग के चलते कई जगहों पर फ्यूज उड़ जाते हैं तो कहीं लाइन में फॉल्ट आ जाता है। जिम्मेदारों का तर्क है कि गत कुछ दिनों से तापमान बहुत अधिक है, जिससे घरों में एसी, कूलर और मोटरों का उपयोग बढ़ा है। इससे लोड क्षमता से अधिक हो रहा है और बार-बार ट्रिपिंग हो रही है। सवाल यह है कि गर्मियों से पहले ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग और वायरिंग की जांच क्यों नहीं होती?

आमजन की पीड़ा-सुनवाई नहीं

परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब लोग विद्यत महकमे में शिकायत करते हैं और वहां से जवाब मिलता है कि फॉल्ट है... टीम जा रही है, लेकिन न टीम दिखती है और न फॉल्ट सुधरता है।

असंभव नहीं है विद्युत समाधान

-लोड मैनेजमेंट की जरूरत है। अत्यधिक लोड वाले इलाकों में ट्रांसफौर्मर की क्षमता बढ़ाई जाए।
-लाइनमैनों की संख्या और उनकी निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई हो।
-विद्युत आपूर्ति से जुड़े स्थानों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए।
-आमजन को नियमित रूप से जानकारी दी जाए कि कब और क्यों बिजली कटौती हो रही है?

हकीकत यह भी

-आमजन को बिजली कटौती का समय भी नहीं बताया जाता।
-अचानक लाइट चली जाती है और घंटों नहीं आती।
-जिन घरों में छोटे बच्चे या बीमार बुजुर्ग है, उनके लिए विद्युत व्यवधान गंभीर समस्या बन चुकी है।

कौन जाने हमारा दर्द..

अफसरों को क्या पता हमारी हालत क्या है? रात भर गर्मी में जागते हैं, फिर सुबह काम पर जाते हैं। ये तो अत्याचार है।
-राकेश कुमार, स्थानीय निवासी

उठ रहा व्यवस्था से भरोसा

नौतपा के नौ दिन जनता के लिए पीड़ादायक साबित हो रहे हैं। बिजली संकट से केवल पसीना नहीं, बल्कि व्यवस्था में भरोसा भी बह रहा है। जरूरत है कि तंत्र अब केवल बहाने न बनाएं, बल्कि ठोस भी कदम उठाए।

-गोकुल कुमार, स्थानीय निवासी

डिस्कॉम के अधिशासी अधिकारी शैतानसिंह सिसोदिया से पत्रिका की सीधी बात-

पत्रिका - जैसलमेर शहर में विद्युत व्यवधान बहुत अधिक हो रहा है, आमजन पीडि़त है। आखिर मुख्य कारण क्या है?

एक्सईएन - गर्मी के मौसम में विद्युत पर लोड बढ़ गया है। लोड बढऩे से फ्यूज उडऩे लगे हैं। इसी कारण बार-बार बिजली जा रही है।

पत्रिका- आप समय-समय पर मेंटिनेंस भी करते हैं, फिर उसका क्या उपयोग रहता है?
एक्सईएन- देखिए, कई बार वोल्टेज अपडाउन होने से विद्युत आपूर्ति बाधित होती है।

पत्रिका- इस समस्या के समाधान का कोई तो तरीका होगा?
जवाब- लोड मैनेजमेंट होते ही विद्युत संबंधी समस्या का समाधान भी हो जाएगा। डे-बाई-डे कार्य चल रहा है।

पत्रिका- आमजन की शिकायत है कि आपके कनिष्ठ अधिकारी फोन ही नहीं उठाते। उनकी जवाबदेहिता तो बनती है कि वे उपभोक्ता का फोन उठाकर उसे संतुष्ट करें।
जवाब- फोन उठाना तो चाहिए। किसी दिन विशेष पर फोन नहीं उठाया हो तो अलग बात है।

Published on:
29 May 2025 08:41 pm
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