थार के तपते रेगिस्तान में इस बार मानसून की मेहरबानी ने जीवन की नई सांसें भर दी हैं। आमतौर पर सुनहरी रेत और चिलचिलाती धूप के लिए पहचाना जाने वाला जैसलमेर अब हरियाली, ठंडक और सौम्य हवाओं से महक रहा है।
थार के तपते रेगिस्तान में इस बार मानसून की मेहरबानी ने जीवन की नई सांसें भर दी हैं। आमतौर पर सुनहरी रेत और चिलचिलाती धूप के लिए पहचाना जाने वाला जैसलमेर अब हरियाली, ठंडक और सौम्य हवाओं से महक रहा है। पिछले कुछ वर्षों में मानसून टूरिज्म केवल एक कल्पना था, लेकिन गत दो वर्ष से झमाझम बारिश ने इसे हकीकत की राह दिखा दी है। सडक़ों के किनारे हरियाली, ग्रामीण इलाकों में हरे-भरे खेत, टीलों पर उगती घास और बदली हुई आबोहवा ने शहर को एक नया रूप दे दिया है। ऐसे में होटल व्यवसायी, टूर ऑपरेटर और रेगिस्तान की सैर कराने वाले लोग बेहद उत्साहित हैं। वे मानते हैं कि इस बार सर्दियों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और पर्यटन सीजन अगस्त से ही जोर पकड़ सकता है।
अभी तक जैसलमेर में जुलाई-अगस्त को टूरिज्म के लिहाज से ऑफ-सीजन माना जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। हाल ही में करीब 175 मिमी बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है, धोरों पर हरियाली छा गई है और आसमान में अक्सर बादल मंडराते रहते हैं। यह नजारा पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। यही नहीं अभी भी मानसून जैसाण पर मेहरबान है। जयपुर से आईं पर्यटक दीप्ति गर्ग कहती है कि पहले भी कई बार यहां आई हूं, लेकिन ऐसा जैसलमेर पहले कभी नहीं देखा। यहां तो मानसून में घूमने का अलग ही मजा है, वहीं एक टूर ग्रुप के लीडर ने बताया कि पहली बार हमने अगस्त में जैसलमेर को शामिल किया और रिस्पॉन्स जबरदस्त है।
शहर के होटलों में अभी से एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। सम, खुहड़ी व डेजर्ट कैंपों में भी रात्रि ठहराव के लिए पर्यटक आ रहे हैं। रिसोर्ट संचालक आनंदसिंह तंवर बताते हैं कि अब तक मानसून में बहुत कम टूरिस्ट आते थे, लेकिन इस बार हर वीकेंड पर नए गेस्ट आ रहे हैं। यह सीजन जल्दी शुरू होने के संकेत हैं। टेंट संचालक भी कह रहे हैं कि धोरों पर ठंडक और पर्यटन स्थलों के पास छाई हरियाली ने माहौल को और मनोरम बना दिया है, ऐसे में पर्यटक यहां लंबे समय तक रुकना चाहते हैं।
-500 करोड़ का टर्न ओवर होता है हर साल पर्यटन उद्योग से
-12 के करीब प्रमुख पर्यटन स्थल है सैलानियों के घूमने के लिए
-10 लाख के करीब देशी-विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं स्वर्णनगरी
-175 एमएम बारिश जैसलमेर में हो चुकी है अब तक
-870 वर्ष के करीब पुराना है जैसलमेर का ऐतिहासिक सोनार किला
-300 करोड़ का टर्न ओवर हर वर्ष होता है सम सेंड ड्यून्स से
स्थानीय टूर ऑपरेटर अब विशेष च्मानसून डेजर्ट पैकेजज् लांच करने का प्रयास कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो यदि यह पहल कारगर रही तो पर्यटक् ऊंट सफारी के साथ धोरों पर फोटोशूट, लोक नृत्य कार्यक्रम के साथ-साथ बरसात के बाद के बने कुदरती दृश्यों का आनंद भी ले सकेंगे। जैसलमेर के टूर गाइड कमलसिंह के अनुसार पहले जुलाई-अगस्त में हमें काम नहीं मिलता था, अब सप्ताह में तीन से चार ग्रुप आ रहे हैं। मानसून अब टूरिज्म का नया चेहरा बन सकता है।
पर्यटन विशेषज्ञ अनिल पंडित का कहना है कि इस मौके को स्थायी रूप से पर्यटन सीजन में बदलने के लिए सरकार और प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। यदि मानसून टूरिज्म को प्रचारित किया जाए, रेन फेस्टिवल जैसे आयोजन हों और बुनियादी सुविधाएं सुधारी जाएं, तो जैसलमेर सिर्फ विंटर ही नहीं, मानसून डेस्टिनेशन भी बन सकता है।