
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 11 पर पोकरण से जैसलमेर तक रात के समय सडक़ों पर बेसहारा व पालतु गोवंश का डेरा रहता है। जिसके कारण हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। गोवंश को गोशाला भिजवाने अथवा सडक़ों से दूर करने को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 11 पर स्थित गांवों में सडक़ के दोनों तरफ आबादी निवास करती है। इसके साथ ही स्वर्णनगरी जैसलमेर आने-जाने वाले राहगीरों व वाहन चालकों का इस मार्ग पर आवागमन लगा रहता है। इस मार्ग पर पशुओं की भीड़ के कारण हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
जैसलमेर जाने वाले मार्ग पर स्थित गांवों के गोवंश बीच सडक़ पर अपना डेरा डाल देते है। हालात यह है कि बीच सडक़ बैठे पशुओं के कारण वाहन चालकों को वाहन धीरे अथवा सडक़ से नीचे उतारकर गुजरना पड़ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण तेज गति से निकलने वाले वाहनों के हर समय इन पशुओं से टकरा जाने से हादसे की आशंका बनी रहती है।
पोकरण से जैसलमेर जाने वाले मार्ग पर स्थित गांवों में हालात बद्तर है। क्षेत्र के चाचा से निकलने के बाद खेतोलाई, धोलिया, लाठी, चांधन से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 11 पर दिन के साथ रात में भी पशुओं का जमावड़ा रहता है। मार्ग पर आए दिन वाहनों के टकराने से हादसे भी हो रहे है। तीन दिन पूर्व भी एक पशु को बचाने के प्रयास में बोलेरो कैम्पर सामने से आ रहे एक ट्रक से टकरा गई और चार जनों की मौत हो गई।
पूर्व में पुलिस व भादरिया गोशाला की ओर से अभियान चलाकर पशुओं को गोशाला में जमा किया गया। कुछ दिनों बाद ही स्थिति फिर वही हो जाती है। पशु फिर सडक़ों पर आकर बैठ जाते है। इसी प्रकार कई बार स्वयंसेवी संस्थाओं व भादरिया गोशाला की ओर से सडक़ों पर बैठे पशुओं के रेडियम बेल्ट बांधने का कार्य भी किया गया।
पशुओं को गोशाला भिजवाने व उन्हें सडक़ से दूर रखने के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास किए जाते है तो हादसों पर लगाम लग सकती है।
रात में हाइ-वे पर न तो पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था है, न ही पर्याप्त संकेतक बोर्ड। जिसके कारण वाहन चालकों को जानकारी नहीं हो पाती है। जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे है।
Published on:
25 May 2025 10:14 pm
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