पोकरण क्षेत्र के रामदेवरा गांव में बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनों के लिए अपने घरों से सैकड़ों मील दूर के सफर मेें निकले भक्तों की राह में तकलीफें रूपी राह के रोड़े उनकी श्रद्धा और हौसलों के आगे बौने साबित हो रहे है।
पोकरण क्षेत्र के रामदेवरा गांव में बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनों के लिए अपने घरों से सैकड़ों मील दूर के सफर मेें निकले भक्तों की राह में तकलीफें रूपी राह के रोड़े उनकी श्रद्धा और हौसलों के आगे बौने साबित हो रहे है। बच्चों के साथ वृद्ध, कोई दंडवत करता पहुंच रहा है तो कोई नंगे पैर, पांवों में हुए छाले, न विश्राम का समय, न भूख-प्यास की चिंता, गर्मी व उमस में बहता पसीना… इन तकलीफों के बाद भी प्रतिदिन 30 से 40 किलोमीटर का पैदल सफर। यही नहीं कई दिव्यांग भी यहां ट्राइसाइकिलों व स्कूटी के माध्यम से पहुंच रहे है। जिनकी श्रद्धा व हौसला अपार है। गौरतलब है कि रामदेवरा गांव में बाबा रामदेव का अंतरप्रांतीय भादवा मेला चल रहा है। देश के कोने-कोने से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु रामदेवरा पहुंच रहे है। गत एक माह से जातरुओं का तांता लगा हुआ है। राह की हर छोटी-मोटी तकलीफ को वे बाबा का प्रसाद मानते हुए सहकर जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे है। कई दिनों के सफर से आई थकावट इन जयकारों से जोश में बदलती नजर आ रही है।
मध्यप्रदेश से पैदल यात्रा पर सवाईलाल और अन्य श्रद्धालु बताते है कि रास्ते व दर्शन के दौरान जो भी मुश्किलें आती है, उन्हें सहन करने की शक्ति बाबा देता है। गुजरात के बनासकांठा से आए रमणभाई ने बताया कि उनके लिए छोटी-मोटी तकलीफें कोई मायने नहीं रखती। उन्होंने कहा कि रास्ते में आने वाले कष्ट बाबा स्वयं हर लेता है। स्वस्थ व्यक्ति के साथ ही बाबा की समाधि के दर्शनों के लिए कई दिव्यांग भी यहां पहुंचते है। कोई ट्राइसाइकिल से आता है, कोई वैशाखी के सहारे तो कोई थ्री-व्हीलर स्कूटी लेकर पहुंच रहा है। शारीरिक रूप से सक्षम होने के बावजूद उनका जोश व उत्साह चरम पर नजर आता है।
सैकड़ों किलोमीटर के सफर की थकान भी ये श्रद्धालु नारों से मिटा रहे है। सफर के दौरान बाबा के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु आगे बढ़ रहे है। इसके अलावा इन श्रद्धालुओं के संघ के साथ डीजे भी चल रहे है। जिन पर चलते भजनों पर अपने दर्द को भूलकर श्रद्धालु झूमते हुए नजर आ रहे है।