समाधान दूर, आम जन में रोष
स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्युत निगम को कई बार शिकायत दी गई, पर समाधान अब तक नहीं हुआ। अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। शहरवासी पूछ रहे हैं कि जब हर साल यही हाल होता है तो समय रहते इंतजाम क्यों नहीं किए जाते? गौरतलब है कि जैसलमेर जैसे पर्यटन और सीमावर्ती जिले में इस तरह की बिजली व्यवस्था न केवल आमजन के लिए परेशानी है, बल्कि जिले की छवि पर भी सवाल खड़े करती है। लोगों ने मांग की है कि गर्मी के इस दौर में बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता दी जाए और स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।दिन में चैन नहीं, रात को नींद नहीं
दिनभर बिजली गुल रहती है। बच्चे गर्मी में रोते रहते हैं। पंखे नहीं चलते, खाना नहीं बनता। रात को भी अंधेरे में नींद उड़ जाती है। गर्मी ने जीना दूभर कर दिया है।दुकान चलाना हो गया घाटे का सौदा
बार-बार बिजली जाने से ग्राहक रुकते ही नहीं। इन्वर्टर से सबकुछ नहीं चलता। गर्मी में दुकान पर बैठना भी मुश्किल है। रोजाना हजारों का नुकसान हो रहा है।-इकबाल खान, दुकानदार
सामान फुंकने का डर बना रहता है
फ्रिज और कूलर बंद पड़े हैं। बिजली आती भी है तो वोल्टेज इतना कम कि कुछ चलता ही नहीं। डर लगता है कि कोई बड़ा सामान खराब न हो जाए।-रेखा सोलंकी, गृहिणी