जैसलमेर

हुनर से बदल रहा जैसलमेर, पोकरण अब भी इंतजार में, स्किल कोर्सेज से 700 युवाओं ने संवारा भविष्य

सरहदी जिले के मुख्यालय जैसलमेर में जहां स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज के जरिए सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं, वहीं पोकरण उपखंड आज भी संसाधनों के अभाव में जूझ रहा है।

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Jul 13, 2025
एआइ इफेक्ट

सरहदी जिले के मुख्यालय जैसलमेर में जहां स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज के जरिए सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं, वहीं पोकरण उपखंड आज भी संसाधनों के अभाव में जूझ रहा है। एक तरफ प्रशिक्षण और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में सफलता की कहानियां हैं, तो दूसरी तरफ युवा बेरोजगारी और पलायन की मजबूरी में हैं। जैसलमेर में सरकारी व निजी संस्थानों द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्र युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

पत्रिका पड़ताल के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में 700 युवाओं ने स्किल डवलपमेंट कोर्सेज में नामांकन लिया, जिनमें से 550 ने कोर्स पूरे किए और उनमें से 70 प्रतिशत को रोजगार मिला। ये कोर्स पर्यटन, हस्तशिल्प, कंप्यूटर, होटल मैनेजमेंट, भाषा व डिजिटल तकनीक से जुड़े हैं। पर्यटन शहर होने के कारण यहां प्रशिक्षित गाइड, होटल स्टाफ, हस्तशिल्प कलाकारों की मांग लगातार बनी रहती है।

पोकरण: न संसाधन, न प्रशिक्षण, न उम्मीद

वहीं, पोकरण क्षेत्र की तस्वीर इसके ठीक उलट है। ढाई लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र में न तो कोई आधुनिक स्किल डवलपमेंट सेंटर है, न ही पर्याप्त औद्योगिक आधार आइटीआइ कॉलेज है, पर वहां प्रशिक्षकों और ट्रेड्स की भारी कमी है। राजकीय योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कौशल योजना भी केवल कागजों तक सीमित हैं।
राणाराम सोलंकी, एक युवा बताते हैं कि आइटीआइ से कोर्स तो किया, पर स्थानीय स्तर पर ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं है जहां उसका इस्तेमाल हो सके। पढ़ाई के अनुसार नौकरी नहीं मिल रही। असीम विश्नोई कहते हैं कि अगर पोकरण में स्किल सेंटर खुल जाएं तो न केवल प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि युवाओं का पलायन भी रुकेगा।

पलायन बन रहा मजबूरी

पोकरण क्षेत्र के अधिकतर युवा 12वीं और स्नातक तक पढ़ाई के बाद जोधपुर, जयपुर जैसे शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। वहां उन्हें सिर्फ डिप्लोमा के आधार पर कम वेतन वाली नौकरियां ही मिल पाती हैं। परंपरागत रोजगार जैसे खेती, पशुपालन और सीमित व्यापारिक गतिविधियां युवाओं की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रही हैं।
यहां सौर व पवन ऊर्जा संयंत्र तो हैं, लेकिन तकनीकी योग्यताएं न होने से बड़े पदों पर बाहरियों को नौकरी मिल रही है।

क्या हो सकते हैं प्रभावी प्रयास

-पोकरण में आधुनिक स्किल डवलपमेंट सेंटर स्थापित किए जाएं।

-आइटीआइ में नए ट्रेड्स जोड़े जाएं और खाली पदों पर नियुक्तियां हों।

  • लघु व कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाए।
  • डिजिटल साक्षरता और कंप्यूटर शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए।

एक्सपर्ट व्यू : स्किल कोर्स से युवाओं ने सुधारा जीवन-स्तर

करियर काउंसलर आलोक थानवी बताते हैं, जैसलमेर क्षेत्र में स्किल कोर्स युवाओं की आय में औसतन 40 प्रतिशत तक की वृद्धि ला रहे हैं। साथ ही इनमें से 85 प्रतिशत युवाओं ने माना है कि उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। पोकरण क्षेत्र में संभावनाएं अपार है, मूर्त रूप देने के लिए प्रभावी प्रयासों की दरकार है।

Published on:
13 Jul 2025 11:29 pm
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