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Jaisalmer Desert Festival: राजस्थान की स्वर्णनगरी की पहचान बन चुके विश्व विख्यात मरू महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को रोचक प्रतियोगिताएं और रंगारंग कार्यक्रम हो रहे हैं। महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को जन अराध्य लक्ष्मीनाथ मंदिर में सुबह 8ः30 बजे आरती के साथ ही महोत्सव का आगाज किया गया। सुबह 9 बजे गड़ीसर सरोवर से शोभायात्रा निकाली गई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई कुछ देर में शहीद पूनमसिहं स्टेडियम पहुंची।
शोभायात्रा में मंगल कलश लिए बालिकाएं, परंपरागत कच्छी घोड़ी, लोक कलाकार, सजे-धजे ऊंट और राजस्थानी गैर नृत्य की भव्य प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम में बीएसएफ के बैंड की धुन पर कई पर्यटक झूमते हुए नजर आए। इसके बाद डेजर्ट फेस्टिवल में मिस मूमल और मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता हुई। मिस मूमल प्रतियोगिता में प्रतिभागी पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर स्टेज पर पहुंची।
वहीं मिस्टर डेजर्ट बनने के लिए रोबीले व्यक्तित्व वाले प्रतिभागी पारंपरिक मूंछ-दाढ़ी और राजस्थानी साफों में नजर आए। इसके बाद साफा बांधने की प्रतियोगिता हुई, जिसमें प्रतिभागियों को महज एक मिनट का समय दिया गया था। साफा बांधों प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया।
आपको बता दें कि खाबा डायरीज का पहला संस्करण मरु महोत्सव 2025 के तहत 10 और 11 फरवरी को शाम 5 बजे से 10 बजे तक खाभा फोर्ट में आयोजित होगा। आयोजन का मूल उद्देश्य ऐतिहासिक खाभा फोर्ट में नाइट टूरिज्म को स्थापित एवं बढ़ावा देना है। इसके साथ ही कम्यूनिटी भागीदारी के माध्यम से कला संस्कृति, लोक संगीत, पारंपरिक खान-पान, डेजर्ट एक्टिविटीज से पर्यटकों को आकर्षित करना है। कार्यक्रम में जिला प्रशासन, जैसलमेर विकास समितिद्ध एवं आई लव जैसलमेर संस्था की भागीदारी रहेगी।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में आयोजित होने वाले सांयकालीन कार्यक्रमों में ख्याति प्राप्त कलाकार कुटले खां के साथ ही विभिन्न कलाकार लोक गीतों एवं भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका ज्योति नूरा भी अपनी प्रस्तुतियां देंगी।
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आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मरु महोत्सव की शुरुआत रविवार को पोकरण से की गई। इस दौरान सालमसागर तालाब व उसके घाटों पर लगे कचरे एवं गंदगी के ढेर को छिपाने के लिए यहां टेंट की कनातें लगाई गई। इस वर्ष कार्यक्रम में बहुत कम विदेशी पर्यटक नजर आए। मुख्य कार्यक्रम स्थल में सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों व आमजन की भागीदारी कम रही। जनप्रतिनिधियों व पार्षदों ने आमंत्रण नहीं मिलने पर नाराजगी जताई और कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के लिए न तो पानी की उचित व्यवस्था थी, न ही छाया की कोई व्यवस्था। जिसके कारण कड़ी धूप में परेशानी हुई थी।
Updated on:
10 Feb 2025 03:10 pm
Published on:
10 Feb 2025 02:57 pm
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